Dainik Athah

राग दरबारी

… आखिर कोर कमेटी से क्यों गायब रहे बड़े नाम

शनिवार को लंबे समय बाद भाजपा की कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक भी आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर थी। बैठक में सभी विधायकों के साथ ही कोर कमेटी के अधिकांश सदस्य मौजूद थे। नहीं थे तो तीन राजा लोग। इनमें एक लोकसभा, एक राज्यसभा सांसद के साथ ही शहर की प्रथम नागरिक अर्थात महापौर। तीनों की गैर हाजिरी को लेकर पार्टी के ही कार्यकर्ताओं में चर्चा चल रही है। हालांकि इन तीनों के खास लोग अवश्य मौजूद रहे। जानकार बताते हैं कि लोकसभा सांसद जो माननीय केंद्रीय मंत्री भी है सरकारी दौरे पर बाहर थे। लेकिन अन्य दोनों के संबंध में जानकारी देने वाले भी चुप्पी साधे हैं। कोर कमेटी का भाजपा में महत्वपूर्ण स्थान है। अनेक बार तो बड़े बड़े मुद्दों का हल भी कोर कमेटी में ही निकलता है। पूरे जिले से शायद ये तीन लोग ही ऐसे थे जो नहीं थे। यहीं कारण है कि चर्चा भी इनको लेकर ही है। चर्चा तो यह भी है कि जिन्हें बैठक लेनी थे उन्हें तो ये कमतर नहीं आंक रहे। इस ऐसा तो सोच गलत है। भाजपा में एक अदना सा पदाधिकारी भी ताकत रखता है। इससे शायद ये लोग अनजान हो। बहरहाल चर्चाएं तेज है।

दरोगा जी बन गये पंडित जी

वैसे तो धर्म कर्म का किसी व्यक्ति विशेष से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन इन दिनों शहर के एक थाने में तैनात उपनिरीक्षक अपने कर्मकांडी स्वभाव को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल कुछ दिन पहले शहर के एक थाना प्रभारी निरीक्षक का जन्मदिन था तो उन्होंने स्टाफ को दावत देने के लिए शाम का भोजन थाने में ही रख दिया। जब दरोगा जी को पता चला तो उन्होंने थाने में पहले अपनी पंडिताई शुरू की और फिर स्टाफ ने भोजन किया। उनके इस कार्य से किसी को आपत्ति तो नहीं हुई लेकिन उनका व्यवहार चर्चा का विषय बन गया। कहा तो यहां तक जाता है कि इन दरोगा जी के पास जब कोई पीड़ित अपनी फरियाद लेकर आता है तो वह उसकी समस्या का समाधान करने की बजाय पूजा पाठ का नुस्खा बता कर समस्या का समाधान बता देते हैं।

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