– … जब दो नावों में सवारी करेंगे तो औंधे मुंह गिरेंगे ही
फूल वाली पार्टी के मंडल अध्यक्ष चुनाव के मद्देनजर एक साथ कई कई नावों में सवारी कर रहे हैं। कुछ अध्यक्ष तो केवल अपना निजी लाभ देख रहे हैं कि किससे लाभ हो सकता है। भाजपा युवा मोर्चा ने पिछले दिनों मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की। नियुक्ति में पार्टी के मंडल अध्यक्षों से बात करनी उनका सम्मान भी रखना था। मोदीनगर क्षेत्र के एक मंडल अध्यक्ष ने फोन पर ही सिफारिश कर दी कि इन्हें युवा का मंडल अध्यक्ष बना दो तो कोई दिक्कत नहीं। लेकिन जिसे युवा का मंडल अध्यक्ष बनाया गया उनके पिताजी की एक बड़े नेता से बिगड़ी हुई है। नियुक्ति होने के बाद मंडल अध्यक्ष दूसरी तरफ जाकर कहते हैं कि मेरे से पूछे बगैर ही नियुक्ति कर दी गई। बेचारे अध्यक्ष जी न उसका बुरा बनना चाहते थे, न दूसरे का। अब इसको लेकर भाजपा के जिला एवं युवा मोर्चा के जिले के पदाधिकारियों में खूब चर्चा हो रही है। ये अध्यक्ष जी विधायक के लिए भी कई लोगों के साथ बगलगीर हो चुके हैं। कुछ अन्य बातें अगले कुछ दिनों में…
– यह तो छपास रोग की हद हो गई…
लोग सुर्खियों में रहने के लिए क्या-क्या नहीं करते लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर समाज सेवा करने वाली संस्था ने तो हद ही कर दी। इस संस्था में गांधी जयंती पर 172 घंटे का स्वच्छता अभियान शुरू किया। इसके लिए गाजियाबाद नगर निगम मुख्यालय पर एक कार्यक्रम भी रखा गया। कार्यक्रम में बड़े स्तर पर फोटो सेशन भी हुआ, जिसमें सूटेड बूटेड लोगों ने झाड़ू के साथ भी फोटो खिंचवाई। इनमें अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। अब भैया यह बताइए केवल समाचार पत्रों में या मीडिया की सुर्खियों में आने के लिए इस तरह के फोटो खिंचवाने का क्या मतलब है? कौन सूटेड बूटेड होकर घर में या सड़कों पर सफाई करता है? कोई मतलब नहीं ऐसे फोटो खिंचवाने का। अब आप ही सोचिए कि यह छपास रोग नहीं तो और क्या है?
– हमारी मित्रता में छप रहे हैं ये...
आज आज के समय में देश की सबसे बड़ी पार्टी का संगठन जितना मजबूत है उतना ही उनका मीडिया तंत्र भी मजबूत। मजबूती का कारण यह भी है संगठन ने हर मोर्चे और और प्रकोष्ठ में मीडिया प्रभारी की घोषणा की है। यही नहीं मंडल स्तर पर भी मीडिया प्रभारी की नियुक्ति की गई हैं। ऐसे में एक विधानसभा के मीडिया प्रभारी ने जब संवाददाता से अपने भेजे हुए समाचार लगाने का निवेदन किया और साथ ही साथ अपनी मित्रता का वास्ता भी दिया। अचानक मीडिया प्रभारी के मुंह से जो शब्द निकले वह साधारण जरूर है पर मतलब कितने साधारण भी नहीं थे। मीडिया प्रभारी ने कहा लगता है हमारी मित्रता का फायदा यह बड़े नेता उठा रहे है आपसदारी हमारी और छप रहे हैं ये…। इस बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि संबंधित नेताओं के विषय में जो चर्चा की गई शायद उनके व्यक्तित्व से मीडिया प्रभारी अब खुश नहीं है, इन बातों से तो यही लगता है तो आगामी चुनावों में राम जाने क्या होगा?