– चोरी ट्रक व ट्राला फर्जी नंबर से सरकारी कार्यों में हो रहे थे उपयोग
– गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार कर क्राइम ब्रांच ने 32 ट्रक व ट्राला बरामद किए
– गिरोह के फरार 9 लोगों की तलाश कर रही है पुलिस
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। क्राइम ब्रांच ने चोरी किए गए ट्रक-ट्राला पर फर्जी नंबर डालकर व्यवसाय में इस्तेमाल करने वाले एक गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार करके 32 ट्रक ट्रॉला बरामद किये गए है। जिनकी कीमत 10 करोड आंकी गई है।
पुलिस अधीक्षक अपराध दीक्षा शर्मा ने बताया कि स्वाट टीम गाजियाबाद द्वारा विभिन्न व्यक्तियों द्वारा प्रयोग किये जा रहे फर्जी नम्बर डालकर अवैध रूप से संचालित 32 टुकों को बरामद किया गया। पुलिस टीम ने इस मामले में परवेन्द्र तोमर पुत्र स्व. महेशपाल सिंह निवासी पंजाबीपुरा टीपी नगर मेरठ, सोतू उर्फ आदेश शर्मा पुत्र राजकुमार शर्मा निवासी लोहडा जानी मेरठ, अमित नामदेव पुत्र स्व. हेमराज नामदेव निवासी पटेल पुरी कंकरखेड़ा मेरठ को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि विभिन्न प्रान्तों से चोरी किये गये ट्रकों पर सम्बन्धित संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय से दस्तावेज बनाकर एक संगठित गिरोह द्वारा अवैध रूप से ट्रको का संचालन व्यावसायिक प्रयोग के लिए किया जा रहा था। टीम द्वारा सूचना संकलित कर टुको को जब्त किया गया। इन ट्रकों की कीमत लगभग 10 करोड़ रुपये है। कविनगर थाने पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
अभियुक्तों ने पूछताछ बताया कि एक्सीडेंट व किन्ही अन्य कारणों से परिवहन लायक नहीं होते है तो विभिन्न जगहों से चोरी किये ट्रकों पर अपने ट्रकों का नम्बर व इंजन नम्बर, चेसिस नम्बर डालकर व्यवसायिक प्रयोग में काफी समय से इस्तेमाल कर रहे है। इस प्रकार संभागीय परिवहन कार्यालयों से अगर कागजों को चेक किया जाता है तो कागजों में ट्रक का विवरण सही दर्ज होना पाया जाता है। इन ट्रकों व ट्रालों को ज्यादातर सीमेंट व्यवसाय व सरकारी रेलवे आदि प्रतिष्ठानों के सरकारी माल के व्यवसायिक परिवहन में इस्तेमाल करते थे, क्योकि नियमानुसार इन पर ओवर लोडिंग भी नहीं होती है तथा विभिन्न सरकारी विभागों की जांच के दायरे में नहीं आना पड़ता। ज्यादातर पुलिस आदि ऐसे वाहनो को चैक भी नहीं करते है क्योंकि इन पर ज्यादातर सरकारी माल लोड होता है। यह लोग एक संगठित गिरोह बनाकर अवैध रूप से लाभ अर्जित करने हेतु चोरी आदि के ट्रकों पर टैंपर करके फर्जी इंजन नम्बर, चेसिस नम्बर, रजिस्ट्रेशन नम्बर डालकर सम्बन्धित संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में सांठगांठ कर मूल प्रपत्रो को तैयार कर लेते हैं। पकड़े गए अमित नामदेव का ट्रान्सपोर्ट का कार्यालय नामदेव ट्रान्सपोर्ट नाम से खडौला मेरठ बाईपास रोड मेरठ में स्थित है तथा इसने नादर्न रेलवे डिवीजन मुरादाबाद में अपनी कम्पनी नामदेव इन्टरप्राईजेज के नाम से एक करोड़ 95 लाख रूपये का रेलवे माल का परिवहन करने का ठेका लिया है।
इसकी सभी गाड़ी रेलवे का माल ढोने में चलती है तथा यह भी बताया कि तरनजीत पुत्र प्रीतम सिंह निवासी लुधियाना पंजाब द्वारा टाइम पूरा कर चुकी गाड़ियों को दूसरे राज्यो नागालैण्ड, हिमाचल प्रदेश से फर्जी एनओसी बनवाने के बाद में पटियाला, लुधियाना, संगरूर, शामली, बिजनौर, नागालैण्ड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा आदि के आरटीओ कार्यालय से सांठगांठ करके नये माडल वर्ष में रजिस्टर्ड कराते है तथा उन गाड़ियों पर फर्जी फाइनेंस कराते हैं। उसके द्वारा फर्जी रजिस्टर्ड करायी गयी गाड़ियों को भोला दलाल पुत्र सदहुख सिंह निवासी दयालपुरा भारिका भटिण्डा पंजाब जो कि आरटीओ कार्यालय पटियाला में बैठता है ने फर्जी रजिस्टर्ड कराया है।
इस गिरोह के 9 लोग अभी भी फरार है। जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस को गाड़ी मालिक हिमायत अली पुत्र उम्मेद अली निवासी इस्लाम नगर गाजियाबाद, सर्वेश कुमार पुत्र ओम प्रकाश निवासी जानी मेरठ, आबिद अली पुत्र याकूब अली निवासी मोमीम मेरठ, विनेश पुत्र रणवीर निवासी ग्राम नेक जानी मेरठ, पवन शर्मा पुत्र रामशर्मा निवासी शिब्बनपुरा, उमेश कुमार पुत्र सुखपाल सिंह निवासी पटियाला पंजाब, तरनजीत पुत्र प्रीतम सिंह निवासी लुधियाना पंजाब, भोला दलाल पुत्र सदहुस सिंह निवासी दयालपुरा भटिण्डा व तसार पुत्र तसबीरूल निवासी संगरूर पंजाब की तलाश है और उनके लिए छापेमारी की जा रही है।