प्रिय पाठक गण
आप सभी का प्यार दैनिक अथाह को लगातार मिल रहा है। दैनिक अथाह में प्रतिदिन प्रकाशित हो रहे ‘मंथन’ को आप सभी की भरपूर सराहना मिल रही है। जिस दिन मंथन प्रकाशित नहीं होता उस दिन अनेक पाठक व्हाटसप पर संदेश भेजकर अथवा फोन कर पूछते हैं कि हमें आज मंथन से वंचित क्यों रखा गया है? जिस दिन व्यस्तता हो अथवा गाजियाबाद से बाहर रहना हो उस दिन मंथन लिखने में कठिनाई होती है। मंथन जिस विषय पर लिखा जाता है उसके लिए एकांत में कुछ मंथन करना भी होता है। तभी मंथन नाम रखा गया है।
बड़ी संख्या में सुधी पाठक यह मांग भी करते रहे हैं राजनीतिक क्षेत्र के साथ ही पुलिस-प्रशासन एवं नगर निगम समेत अन्य विभागों में ऐसे कुछ मामले अवश्य होते हैं जो खबर नहीं बन सकते, लेकिन जिनका चुटिले अंदाज में रस लिया जा सकता है। यही कारण है कि आज से एक अन्य कॉलम प्रारंभ किया जा रहा है ‘राग दरबारी’। इस कॉलम में चुटीले अंदाज में हमारे दरबारी लाल खबरों को परोसेंगे। इस कॉलम में प्रकाशित होने वाली सामग्री आप जैसे सुधी पाठकों के माध्यम से ही हमें प्राप्त होगी। जिस प्रकार दैनिक अथाह एवं मंथन को आपका प्यार एवं सराहना मिलती रही है, आशा है उसी प्रकार ‘राग दरबारी’ को भी आपका स्नेह एवं सराहना प्राप्त होगी, ऐसी उम्मीद है।
संपादक