– भाजयुमो की जिला कमेटी का नहीं सुलझा विवाद
– बंद कमरे में भाजयुमो जिलाध्यक्ष को सुनाई खरी खरी
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद जिला भारतीय जनता युवा मोर्चा में शुरू हुआ विवाद लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। दूसरे दिन भी यह विवाद नहीं सुलझ सका। हालांकि पार्टी कार्यालय पर बंद कमरे में भाजयुमो जिलाध्यक्ष हिमांशु शर्मा को खरी खरी सुनाई गई। अब इस मामले में प्रदेश नेतृत्व ही कोई निर्णय लेगा। पूरा मामला प्रदेश नेतृत्व के सुपुर्द कर दिया गया है। कमेटी भी भंग ही रहेगी।
बता दें कि पार्टी नेतृत्व के निर्देशों के विपरीत भाजयुमो जिलाध्यक्ष हिमांशु शर्मा ने युवा मोर्चा के जिला प्रभारी सोनू वाल्मीकि के हस्ताक्षर करवाकर जिला कमेटी की घोषणा कर दी थी। जबकि प्रदेश नेतृत्व का स्पष्ट निर्देश है कि सभी मोर्चों एवं प्रकोष्ठों की घोषणा जिलाध्यक्ष करेंगे। वे संबंधित मोर्चे अथवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष से उनके नाम मांगेंगे, लेकिन सूची को अंतिम रूप जिलाध्यक्ष को ही देना है। भाजपा सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों भाजपा की क्षेत्रीय बैठक में आये प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने भी ऐसे ही निर्देश स्पष्ट रूप से दिये थे। बावजूद इसके हिमांशु शर्मा ने खुद ही कमेटी घोषित कर दी।
इस प्रकार कमेटी घोषित करना पार्टी नेतृत्व के निर्देशों की अवहेलना माना गया है। इस मामले में जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल ने प्रदेश नेताओं से बात कर कमेटी को भंग करने की घोषणा की थी। मामले को सुलझाने के लिए मंगलवार को युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष सोनू वाल्मीकि एवं हिमांशु शर्मा पार्टी के नेहरू अपार्टमेंट स्थित जिला कार्यालय पहुंचे। सूत्रों के अनुसार यहां पर मौजूद जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल एवं जिला प्रभारी (अब मुजफ्फरनगर के) सत्येंद्र शिशौदिया ने दोनों युवा नेताओं को खरी खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि यदि कमेटी की घोषणा अपने अनुसार ही करनी थी तो जिलाध्यक्ष एवं जिला प्रभारी के हस्ताक्षर करवाये जाते। लेकिन घोषणा लखनऊ बैठकर की गई जो गलत है। इसके साथ ही सत्येंद्र शिशौदिया ने कहा कमेटी को जिलाध्यक्ष ने भंग कर दिया है। युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष का निर्णय प्रदेश नेतृत्व करेगा।
सूत्रों के अनुसार हिमांशु शर्मा एवं सोनू वाल्मीकि ने कहा कि कमेटी में कुछ नामों में बदलाव कर मंजूरी दी जाये। लेकिन दोनों ने ही इससे इनकार कर दिया। इसके साथ ही कहा गया कि इस मामले में जो भी निर्णय होगा वह प्रदेश नेतृत्व करेगा। इसका कारण यह है कि मामला प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह एवं प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के पास पहुंच गया है। मंगलवार को प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर भी गाजियाबाद आने वाले थे, लेकिन वे नहीं आये।
– स्वतंत्र देव के सामने उठ सकता है मुद्दा
भाजपा सूत्रों के अनुसार बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ ही प्रदेश महामंत्री एवं पउप्र प्रभारी जेपीएस राठौर भी आ रहे हैं। उनके सामने भी यह मुद्दा उठ सकता है। मुद्दा उठने पर यह देखना होगा कि उनका रवैया क्या रहता है। इसके ऊपर सबकी नजरें टिकी है।