गाजियाबाद के लोग बुधवार की सुबह का वो मंजर भूल नहीं पायेंगे जब बरसात एवं करंट ने पांच जिंदगियों को लील लिया। पांच लोगों की मौत के बाद सरकार एवं प्रशासन हमेशा की भांति मजिस्ट्रेटी जांच, जांच कमेटी आदि की घोषणा करें। लेकिन न तो उनकी जिंदगी वापस आ सकती है और न ही सिस्टम पर कोई रोक लगने जा रही है। देर शाम इस घटना का सीसीटीवी फुटेज देखा तो रूह कांप गई। पहले एक बच्चा करंट की चपेट में आया। इसके बाद जो भी वहां पहुंचा वह भी शिकार होता गया। जिस दुकान पर बच्चा गया था उसके खंभे में करंट आने की शिकायत पहले भी लोगों ने की थी। लेकिन दुकानदार ने शिकायत को अनसुना कर दिया।
जब पहला बच्चा करंट की चपेट में आया उसके बाद दुकानदार भाग गया। जबकि सबसे पहले लाइन कटवाने के साथ ही लाठी से बच्चे को हटाना चाहिये था। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ने दो- दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। जबकि इससे पूर्व स्थानीय स्तर पर इस प्रकार की कोई घोषणा नहीं हुई। घटना के बाद जनप्रतिनिधियों का हाल देखो एक पूर्व विधायक अवश्य मौके पर गये एवं अस्पताल पहुंचे। लेकिन क्षेत्र के विधायक जी का देर शाम तक कोई बयान तक सामने नहीं आया। उनके प्रतिनिधियों को लें तो हर मौके पर फोटो खिंचवाने वाले प्रतिनिधि भी कहीं नजर नहीं आये। अब आवश्यकता इस बात की है कि परिवार की मदद की जाये तथा प्रशासन- पुलिस एवं बिजली विभाग मिलकर ऐसी योजना बनायें जिससे इस प्रकार की घटना भविष्य में न हो। अब सभी की निगाहें जिला प्रशासन एवं प्रदेश सरकार की तरफ लगी है कि ऐसा हो जिससे भविष्य में कोई इस प्रकार के हादसे का शिकार न हो।