– जयंत चौधरी के कड़े रवैये का नहीं हो रहा असर
– रालोद में गुटबाजी पर नहीं लग पा रही रोक
– मोदीनगर में जिलाध्यक्ष खुद तो नहीं दे रहे गुटबाजी को
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। राष्टÑीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी जितना अनुशासनहीनता पर सख्त है उतनी ही पार्टी में गुटबाजी बढ़ने लगी है। यह स्थिति मोदीनगर में गाजियाबाद से अधिक नजर आ रही है।
रालोद ने शनिवार को गन्ना मूल्य भुगतान समेत अन्य मुद्दों पर मोदीनगर तहसील पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया था। इस दौरान पार्टी की गुटबाजी पूरी तरह से उजागर हो गई। इस दौरान रालोद जिलाध्यक्ष खुद एक गुट के साथ पूरी तरह से नजर आये। जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र राठी को पिछले दिनों ही जिले की कमान मिली थी। जिस प्रेसवार्ता में बवाल हुआ था उसमें खुद धर्मेंद्र राठी भी मौजूद थे। रालोद में दबे स्वर में कहा जाने लगा है कि पूर्व विधायक एवं प्रमुख दोनों पिता- पुत्र धर्मेंद्र राठी के अध्यक्षता काल में ही रालोद में शामिल हुए हैं। हालांकि उनके शामिल होने के बाद आयोजित प्रेसवार्ता में मोदीनगर के पूर्व विधायक सुदेश शर्मा भी थे जिन्होंने दोनों का स्वागत भी किया।
मोदीनगर में जिस प्रकार अलग- अलग ज्ञापन दिये गये उसमें जिलाध्यक्ष ठीकरा पूर्व विधायक सुदेश शर्मा पर फोड़ रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में मीडिया को बयान भी दिया। जबकि जिलाध्यक्ष को इस प्रकार के बयानों से बचना चाहिये। जिस प्रकार पार्टी में दो पूर्व विधायक एक ही सीट से हो गये हैं उसे देखते हुए यह तय है कि पार्टी में गुटबाजी बढ़ेगी। लेकिन संगठन की जिम्मेदारी है कि वे दोनों को साथ लेकर चलें इसमें जिलाध्यक्ष कहां तक सफल हो पाते हैं यह देखने वाली बात है। जिस प्रकार के हालात है उसे देखते हुए लगता है कि जिलाध्यक्ष खुद में एक गुट न बन जायें।