Dainik Athah

लूट का मास्टरमाइंड व पूर्व विधायक का बेटा गिरफ्तार

चेन्नई के चावल कारोबारी से हुई लूट का मामला

वारदात में दंपति समेत 11 लोग गिरफ्तार किए गए

अथाह संवादाता

गाजियाबाद। 3 दिन पहले कविनगर स्थित देविका चेंबर में हुई 45 लाख रुपये की लूट का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में हापुड़ के पूर्व विधायक का बेटा, अधिवक्ता का बहनोई व बहन भी शामिल हैं। पुलिस ने लूटी गई रकम में से 38 लाख 30 हजार की नगदी बरामद की है। वहीं बाकी रकम की बरामदगी और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।


वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पवन कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मंगलवार को कवि नगर के देविका चेंबर में चेन्नई के चावल कारोबारी आनंदन से 45 लाख की लूट का मामला प्रकाश में आया था। इस सूचना के बाद एसपी सिटी नगर (प्रथम) निपुण अग्रवाल की टीम ने मामले की जांच शुरू करते हुए घंटे भर में ही साफ कर दिया था कि यह मामला लूट का नहीं है। बल्कि सभी आरोपी पीड़ित कारोबारी के जानने वाले हैं। चूंकि इस वारदात में मारपीट हुई और वारदात के वक्त मौके पर सात आरोपी मौजूद रहे थे। इसलिए पुलिस ने डकैती की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। उन्होंने बताया कि इस मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें एक आरोपी हापुड़ के पूर्व विधायक गजराज सिंह का बेटा सतेंद्र सिंह उर्फ बॉबी भी शामिल है। उन्होंने बताया कि वारदात के मास्टरमाइंड आंध्र प्रदेश में रहने वाले विनय तेजा को भी गिरफ्तार कर लिया है।


एसएसपी के मुताबिक तमिलनाडु के पीड़ित चावल कारोबारी एन आनंदन को आरोपियों ने निवेश करने पर 115 फीसदी मुनाफे का लालच दिया था। पीड़ित ने पुलिस को बताया है कि आरोपियों के कहने पर वह एक करोड़ रुपये निवेश करने आए थे। लेकिन यहां रकम की वापसी और मुनाफे की दर को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद आरोपियों में से एक अरविंद त्यागी ने पिस्टल के बट से उनके ऊपर हमला कर नगदी से भरा एक बैग छीन लिया। इसके बाद सभी आरोपी मौके से कार में बैठकर फरार हो गए। पीड़ित ने उस समय बताया था कि बैग में 45 लाख रुपये रखे थे। हालांकि पुलिस की जांच में पता चला कि बैग में केवल 42 लाख रुपये ही रखे थे। बाकी के 57 लाख रुपये दूसरे बैग में थे। उन्होंने बताया कि पीड़ित के पास एक करोड़ की रकम कहां से आई और वह किन माध्यमों का इस्तेमाल कर यह रकम गाजियाबाद तक ले आया, यह अभी स्पष्ट नहीं है। अभी तक की जांच में केवल इतना साफ हो पाया है कि दिल्ली में ठहरने के दौरान पीड़ित के पास नगदी की शक्ल में यह रकम मौजूद थी। दिल्ली के बाद से वह इस रकम को लेकर गाजियाबाद आया। आशंका है कि हवाला के जरिए यह पैसा उसे दिल्ली में ही मिला होगा। जबकि इससे पहले वह गुरुग्राम के एक होटल में भी ठहरा था। पीड़ित का संपर्क किसी माध्यम से वारदात के मास्टरमाइंड विनय तेजा से 12 अगस्त को हुआ था। उस समय विनय तेजा ने उन्हें झांसा दिया कि एक करोड़ रुपये के निवेश पर बहुत कम समय में वह 115 फीसदी का मुनाफा दे सकता है। इस झांसे में आकर पीड़ित एक करोड़ रुपये लेकर गुरुग्राम आ गया। वहां इसकी मुलाकात गुरुग्राम के ही रहने वाले विनय तेजा के साथी दीपक पलटा से हुई। फिर उसने अन्य साथी आशीष भसीन से और आशीष भसीन ने आयूष और आयूष ने विशाल से मिलाया। उसके बाद पीड़ित को दिल्ली में एक आयुर्वेद डॉक्टर सतेंद्र पाल, राजकुमार व मनोज शर्मा से मिलाया गया। यहां से पूर्व विधायक गजराज सिंह के बेटे सत्येंद्र ने पीड़ित को गाजियाबाद के आरडीसी स्थित देविका चैंबर पहुंचाया। जहां वकील अतुल त्यागी के बहनोई अरविंद त्यागी व राजीव त्यागी ने इस वारदात को अंजाम दिया। एसएसपी ने बताया कि पुलिस टीम ने वकील अतुल त्यागी के बहनोई अरविंद त्यागी को गिरफ्तार किया तो पता चला कि डकैती की रकम उसकी पत्नी ने छिपा रखी है। इसके बाद पुलिस ने उसके घर में दबिश देकर उसकी पत्नी रीना त्यागी को भी गिरफ्तार कर उसके पास से 32 लाख रुपये बरामद किए हैं। वहीं एक अन्य आरोपी राजीव त्यागी के पास से पुलिस ने एक लाख 30 हजार रुपये, सत्येंद्र उर्फ बॉबी से पांच लाख रुपये बरामद किए हैं।

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