गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव निदान तकनीक की जिला सलाहकार समिति की बैठक में लिया गया निर्णय
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। जिला प्रशासन अब हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग की तर्ज पर लिंग जांच करने वाले अल्ट्रासाउंड केंद्रों की पोल खोलेगा। इसके लिए प्रशासन ने योजना तैयार कर ली है। इस कार्य में सहयोग करने वाली डिकॉय महिला व मुखबिर को प्रशासन ने 40 हजार से 1 लाख रुपए तक के ईनाम की राशि भी तय कर दी है।
गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव निदान तकनीक की जिला सलाहकार समिति की बैठक में पीसीपीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत अल्ट्रासाउंड के पंजीकरण व नवीनीकरण के 34 आवेदनों में से जिला सलाहकार समिति द्वारा 31 आवेदनों का पंजीकरण व नवीनीकरण किया गया। जिसमें 15 आवेदनों के नए पंजीकरण एवं 16 आवेदनों के नवीनीकरण किए गए हैं। बैठक में जनपद में लिंग परीक्षण की रोकथाम के लिए प्रभावी रूप से कार्य किये जाने के सम्बन्ध में हरियाणा टीम की तरह इस जनपद में लिंग जांच में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु सभी का सहयोग लेते हुये, डिकोय महिला उपलब्ध कराये जाने तथा डिकोय महिला दी जाने वाली धनराशि व अत्याधुनिक इलैक्ट्रानिक सामग्री के लिए पीसीपीएनडीटी खाते से धनराशि की निकासी के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया कि मुखबिर योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कराते हुए योजना के अंतर्गत डिकॉय को 1 लाख की धनराशि , सहायक को 40 हजार की धनराशि एवं मुखबिर को 60 हजार की धनराशि तीन किस्तों में इनाम के तौर पर प्रदान की जाए। बैठक में जनपद में ज्यादातर अपंजीकृत स्थानों पर लिंग जांच का संज्ञान आने पर की गई छापेमारी पर जनपदीय टीम को पुलिस विभाग का सहयोग एवं सूचना मिलने पर जनपदीय टीम द्वारा ज्यादा सफलता हासिल होने के सन्दर्भ में विचार विमर्श किया गया।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि हरियाणा टीम द्वारा कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में प्रायः देखा जा रहा है कि उनके द्वारा कार्यवाही किये जाने के बाद ही स्थानीय टीम को सूचित किया जाता है, इससे मौके पर स्थानीय टीम को पूरी सत्यता से भली भांति जानकारी न होने पर भी स्थानीय टीम द्वारा उनके द्वारा बनाये गये स्पॉट मैमो व साक्ष्यों के आधार पर एफआईआर करायी जाती है। हरियाणा टीम द्वारा कार्यवाही से पूर्व न तो समुचित प्राधिकारी व जिलाधिकारी की लिखित अनुमति ली जाती है और न ही कार्यवाही से पूर्व प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी जाती है। जिस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि हरियाणा स्वास्थ्य टीम के साथ समन्वय स्थापित कर कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल द्वारा निर्देशित किया गया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत सील किए गए अल्ट्रासाउंड सेंटरों का रैंडम वेरिफिकेशन कराया जाए, जिससे सील किए गए अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित हो रहे हैं या नहीं की जानकारी रहे। यदि ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में आता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 भवतोष शंखधर, डॉ0 सुनील त्यागी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।