– तहजीब के प्रतीक शब्द से सपा मुखिया को मिर्ची नहीं लगनी चाहिये
– सपा मुखिया को बातों को समझने और शब्दों के सही अर्थ समझने चाहियें
– ड्राइंग रूम में बैठकर ट्वीट करने वालों को अब भाषा में भी दोष नजर आने लगा
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। पिता के लिये कहे जाने वाले आदर सूचक सम्बोधन शब्द ‘अब्बा’ से आखिरकार सपा मुखिया को इतनी नफरत क्यों है। उनको इस शब्द से मिर्ची नहीं लगनी चाहिये। यह शब्द तो तहजीब का प्रतीक है। शनिवार को यह बात कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को आड़े हाथों लेते हुए कही है। अखिलश यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को अब्बा शब्द से सम्बोधित करने पर नाराजगी जताई है। जिसका जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा है कि अखिलेश जी को अपने नजरिए और सोच को बदलने के साथ बातों को समझने और उनका सही अर्थ निकालने की जरूरत है।
कैबिनेट मंत्री ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान का जवाब देते हुए कहा है कि बिना सोचे-समझे कुछ भी बोलने वालों के मुंह से भाषा में संतुलन की बात हजम नहीं होती है। उन्होंने कहा है कि ड्राइंग रूम में बैठकर ट्वीट करने वालों को अब भाषा में भी दोष नजर आने लगा है। भाजपा की बढ़ती ताकत और जनाधार सपाइयों को रास नहीं आ रहा है। वो सहमे हुए हैं। इसलिये आदर सूचक और सम्मानजनक शब्दों की पहचान करना भी भूल गये हैं।
अखिलेश यादव के बयान का जवाब देते हुए सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा नौजवानों की बात करने वाले सपा मुखिया को मालूम होना चाहिये कि योगी सरकार ने अपने 04 साल के कार्यकाल में 04 लाख युवाओं को रोजगार दिया है। और इस साल दिसम्बर तक 01 लाख युवाओं को और रोजगार देने जा रही है। जहां तक किसानों की बात है पिछली सरकारों में जो नहीं हो पाया उसको योगी सरकार ने पूरा करके दिखलाया है। योगी सरकार ने किसानों की आय को साल 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। 433.86 लाख मी. टन खाद्यान्न की सरकारी खरीद करने के साथ ही 78,23,357 किसानों को ₹78,000 करोड़ से अधिक का भुगतान किया। किसानों को ₹3 लाख 92 हजार करोड़ फसली ऋण का भुगतान, ₹36 हजार करोड़ रुपए से 86 लाख किसानों का ऋण माफ, कोरोना महामारी के बीच प्रदेश में चलती रही चीनी मिलें, खेती किसानी से जुड़ी गतिविधियां जारी रखीं। रमाला, पिपराइच, मुण्डेरवा चीनी मिलों सहित 20 चीनी मिलों का आधुनिकीकरण और विस्तार करने जैसे योगी सरकार की उपलब्धियों की इतनी बड़ी लिस्ट है कि सपाइयों को पढ़ते-पढ़ते सांस फूल जाएगी।