पं राजेश शर्मा
राष्ट्रीय अध्यक्ष जन अधिकार मोर्चा
गाजियाबाद । लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया तथा सरकार में कैबिनेट मंत्री रामविलास पासवान द्वारा जातिगत आरक्षण को 9वीं अनुसूची में डालने को लेकर दिए गए बयान का विरोध करते हुए जन अधिकार मोर्चा ने दी आंदोलन करने की चेतावनी दी।
जन अधिकार मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं राजेश शर्मा ने कहा कैबिनेट मंत्री रामविलास पासवान द्वारा एससी एसटी एक्ट काला कानून बनवाने के बाद जातिगत आरक्षण को 9वी अनुसूची में डालने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों से एकजुट होने की अपील करते हैं। देश के अंदर जातिगत आरक्षण जैसे नासूर को अमर करना तथा जातिवाद को बढ़ावा देना है यह कार्य कर जातिवाद के बलबूते अपनी राजनीति दुकान चलाने वाले रामविलास पासवान अपने बाद अपने बेटे को भी स्थाई रुप से राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया निर्णय आरक्षण का लाभ देश के कुछ चुनिंदा धनाढ्य परिवारों को छोड़कर देश के गरीब अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के वास्तविक लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। सरकार इस बात की समीक्षा कराएं तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की नई सूची सरकार तैयार करें सर्वोच्च न्यायालय के दखल देने के बाद दलित नेताओं को यह निर्णय हजम नहीं हो रहा है।
देश में कई ऐसे कानून बनाए गए हैं जो संविधान के प्रावधानों या सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के विपरीत जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, संविधान के तहत अधिकतम 50% आरक्षण का प्रावधान है, लेकिन तमिलनाडु में एक कानून बनाकर सरकारी नौकरियों में 61% आरक्षण दिया जा रहा है। तमिलनाडु सरकार के इस कदम को अदालत में चुनौती इसलिये नहीं दी जा सकी थी क्योंकि उसे 9वीं अनुसूची में डाला गया है लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार दिये गए हैं और कानून के समक्ष भी सभी को समान माना गया है। ऐसे में किसी भी नागरिक के अधिकारों का हनन अनुचित है फिर चाहे वह सवर्ण हो या दलित।