अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए मंगलवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल के सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे। चौटाला ने धरना स्थल पर किसानों से मन की बात की। बाद में एक प्रेस कांफ्रेंस में चौटाला ने कहा कि जनता का पैसा बड़े औद्योगिक घरानों की जेब में जा रहा है और उनसे सत्ता में बैठे लोगों के पास पहुंचा रहा है, जबकि देश की भूख शांत करने वाला किसान झोली फैलाए हुए है। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों से केवल बड़े औद्योगिक घरानों का ही पेट भरेगा, किसानों को कुछ मिलने वाला नहीं है, इसलिए संसद घेराव के माध्यम से उनका प्रयास रहेगा कि सांसदों पर कानून वापसी के लिए दबाव बनाया जाए।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ऐसे समय पर गाजीपुर बार्डर पर पहुंचे है, जब किसानों ने 22 जुलाई से संसद घेरने का ऐलान कर रखा है। उनके गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के बीच पहुंचे से धरना दे रहे किसानों में खासा उत्साह देखा गया। चौटाला ने राकेश टिकैत से काफी देर तक बंद कमरे में गोपनीय बैठक की और फिर प्रेस से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की वजह से अच्छी बात ये हुई है कि जात-पात की रोटियां सेंकने वालों पर चपत लगी है क्योंकि किसानों के धरने से गरीब, मजदूर, दुकानदार के साथ 36 जात जुड़ी है। चौटाल ने कहा कि मौजूदा तंत्र से आम जन परेशान है। सरकार का एक सूत्रीय कार्यक्रम है जनता के पैसे को लूटना और वह बड़े औद्योगिक घरानों के माध्यम से उन तक पहुंच रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है जिसकी अर्थ व्यवस्था खेती पर टिकी हुई है। किसान खुशहाल होगा तभी देश मालामाल होगा। लेकिन तीनों कानूनों के माध्यम से अड़ानी और बड़े गरानों की जेबें भरने की साजिश की जा रही है। संसद घेराव के माध्यम से प्रयास रहेगा कि सांसदों पर कानून वापसी के लिए दबाव बनाया जा सके। इस दौरान भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी मौजूद रहे। आपको बता दें कि हरियाणा के चर्चित जेबीटी भर्ती घोटाला में 10 साल की सजा पूरी होने के बाद रिहा हुए इनेलो सुप्रीमो का यह पहला दौरा है।