अथाह ब्यूरो (नई दिल्ली)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार में बुधवार को कई बड़े फेरबदल किए। नवनियुक्त सभी मंत्रियों ने आज से काम करना भी शुरू कर दिया। भारत सरकार और ट्विटर के बीच चल रही खींचतान जगजाहिर है। ऐसे में नए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्विटर के मुद्दे पर कहा कि सभी को देश के कानून का पालन करना चाहिए। ऐसे में मंत्री अश्विनी वैष्णव का इसारा ट्विटर कंपनी पर था कि उनकी मनमानी नहीं चलने वाली है।पूर्व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद भी ट्विटर को भारतीय कानून मानने पर दबाव बनाते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि अमेरिकी इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्मों को भारत के कानून मानने ही होंगे, जहां वे जबर्दस्त कारोबार कर रहे हैं। आप भारत में काम करते हो, आप भारत में अच्छा पैसा कमाते हो, लेकिन आपका रुख यह होगा कि मैं अमेरिका के कानूनों का पालन करूंगा। यह कतई स्वीकार्य नहीं किया जाएगा।
ट्विटर को शिकायत अधिकारी नियुक्त करने में लग सकता है दो महीने का वक्त:
माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर और भारत सरकार के बीच जारी तनातनी फिलहाल थमती नहीं दिख रही है। कई बार मोहलत मिलने के बावजूद ट्विटर ने अभी तक भारत के आईटी नियमों के अनुरूप शिकायत अधिकारी नियुक्त नहीं किया है और गुरुवार को ट्विटर ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि नियुक्ति करने में अभी उसे 8 हफ्ते यानी करीब 2 महीने का समय लगने वाले है। ट्विटर को दिल्ली हाईकोर्ट ने डेडलाइन दी थी, जो आज खत्म हो रही है।बता दें कि ट्विटर को अदालत ने गुरुवार यानी 8 जुलाई तक का वक्त दिया था, जिसमें उसे बताना था कि नए आईटी नियमों के अनुपालन में वह स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति कब तक करेगा। अब ट्विटर ने दिल्ली हाईकोर्ट में बताया है कि उसे नया शिकायत अधिकारी नियुक्त करने में 8 हफ्ते का समय लगेगा।