- गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में बदल रही है कार्य संस्कृति
- एडिशन सीपी कल्पना सक्सैना को मिला मुख्यालय का जिम्मा
- पहले भी कई पुराने आदेशों को बदल चुके हैं पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गोड
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में नये पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गोड के पदभार ग्रहण करने के बाद लगातार पुराने आदेशों को बदलने का दौर जारी है। अब जिले के दो डीसीपी को भी पुलिस कमिश्नर ने अनचाहे बोझ से मुक्त कर दिया है। हालांकि इस अनचाहे बोझ को लेकर पुलिस- प्रशासनिक महकमों के साथ ही मीडिया में जबरदस्त चर्चा रही थी।
बता दें कि जब से एडिशनल सीपी दिनेश कुमार पी का तबादला हुआ था उस समय से पुलिस कमिश्नरेट में भारी बदलाव देखने को मिले थे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह था कि डीसीपी सिटी को कार्यवाहक एडिशनल सीपी नियुक्त कर उन्हें मुख्यालय का कार्यभार सौंप दिया गया था। वे डीसीपी होने के साथ ही एडिशनल सीपी का काम भी पुलिस कमिश्नरेट मुख्यालय में बैठकर देखते थे, यानि डीसीपी के आदेशों के खिलाफ अपील भी वे खुद ही सुन रहे थे। यह स्थिति तब थी जबकि डीआईजी रैंक की अधिकारी और एडिशनल कमिश्नर यहां पर तैनात थी, अब ऐसा क्यों हुआ इसको लेकर चर्चाएं भी खूब थी।
इतना ही नहीं यातायात पुलिस, पुलिस लाइन, एकाउंट्स समेत अनेक विभाग थे जिनके काम के बंटवारे में भी अधिकांश बोझ जिले में तैनात डीासीपी सिटी एवं ग्रामीण को दिया हुआ था। सीधे कहा जाये तो सभी महत्वपूर्ण काम दोनों डीसीपी के पास थे।
अब पिछले दिनों नवागत पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गोड ने कार्यभार ग्रहण किया तो एक एक कर उन्होंने पुराने आदेशों को बदलना शुरू कर दिया। कुछ आदेश पूर्व में बदले गये थे और अब कुछ और नये आदेश कर कार्य का बंटवारा नये सिरे से किया गया है। इसमें दोनों एडिशनल सीपी के साथ ही डीसीपी ट्रांस हिंडन को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर बोझ के तले दबे दोनों डीसीपी का काम कम किया गया है। इतना ही नहीं दो दिन पहले ही बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को लाइन भेजकर उन्होंने पूरे जिले को संदेश भी दे दिया।