Dainik Athah

भाजपा सरकार से प्रदेश को अपराध मुक्त करना मुंगरी लाल के सपने जैसा: अखिलेश

भाजपा शासन में शांति व्यवस्था को ही सबसे अधिक नुकसान पहुंचा

अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में शांति व्यवस्था को ही सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। सत्ता संरक्षित अपराधियों की हर तरफ पौबारह दिखाई दी है। मुख्यमंत्री अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बातें तो बहुत करते हैं पर उनके ही गृह जिले में अपराधियों को खुली छूट है। भाजपा सरकार से प्रदेश को अपराध मुक्त करने की उम्मीद करना मुंगेरीलाल का सपना ही साबित होना है।
उन्होंने कहा माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में छिनौती की बढ़ती घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि महिलाओं में इससे भय व्याप्त है। वे आभूषण पहनकर बाहर नहीं निकल सकती हैं। न्यायमूर्तियों ने कहा है कि अपराधियों पर लगाम कसी जानी चाहिए। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब राजधानी में भी ठगी और छिनैती की घटनाएं न घटती हों। अपहरण, हत्या, लूट और दुष्कर्म की वारदातें रोज ही सामने आती हैं। पुलिस ज्यादातर मामलों में रिपोर्ट दर्ज करके ही खाना पूरी कर लेती है। खुद मुख्यमंत्री के वीवीआईपी जिले गोरखपुर में पेशेवर लुटेरों और डकैतों का बड़ी तादाद में होना साबित करता है कि अपने कार्यकाल में प्रदेश को तो छोड़िए अपने शहर में ही कानून व्यवस्था बनाए रखने में मुख्यमंत्री विफल साबित हो रहे हैं। यह स्थिति नितांत शर्मनाक है।
सपा प्रमुख ने कहा एडीजी पुलिस ने पिछले दिनों गोरखपुर और बस्ती मंडल में अपराध और अपराधियों की सूची बनवाई थी। उनके हिसाब से उक्त मंडलों के सात जिलों में 2749 घटनाओं में टॉप क्लास के बदमाश शामिल थे। गोरखपुर में सबसे ज्यादा लुटेरे और डकैत हैं। यहां पांच लाख या उससे अधिक रुपए तथा संपत्ति की लूट करने वालों की संख्या 979 तथा डकैती डालने वाले 100 बदमाशों की सूची बनी है। 25 ऐसे लुटेरे है जो लूट का विरोध करने पर हत्या करने से भी गुरेज नहीं करते हैं। संतकबीरनगर में सुपारी लेकर हत्या करने वाले 426 पेशेवर शूटर चिह्नित किए गए हैं।


अखिलेश यादव ने कहा मुख्यमंत्री की ठोको नीति का अनुपालन करते हुए पुलिस के जवान और अधिकारी भी शांतिप्रिय नागरिकों पर अत्याचार करना अपना अधिकार मानते हैं। आजमगढ़ के रौनापार पलिया गांव में दलित बस्ती के मकान ढहाए गए। भाजपा राज में कई जिलों में जहरीली शराब और अवैध खनन में संलिप्त अपराधियों पर किसी न किसी भाजपा नेता का हाथ होने का अवश्य प्रमाण मिला है। जाति और पार्टी देखकर कार्यवाही किए जाने के निर्देश के फलस्वरूप पुलिस का मनोबल भी गिरा हुआ है। सपा सरकार में पुलिस तंत्र की सुचारू व्यवस्था के लिए यूपी डायल 100 और महिलाओं सम्बंधी अपराधों के नियंत्रण के लिए 1090 सेवा शुरू की गई थी। भाजपा ने इन्हें निष्क्रिय बना दिया। फलत: आज भाजपा राज अंधेर राज और अपराध प्रदेश में बदल गया है और पूरे प्रदेश में दहशत व्याप्त है। जनता को इससे छुटकारा 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर ही मिल सकेगा।

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