2022 की पटकथा!
इस समय प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ही ब्लाक प्रमुखों के चुनाव की भागमभाग चल रही है। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की पटकथा लिखी जा रही है। जब बात पूरे प्रदेश की हो रही है तो गाजियाबाद जिला भी इसमें शामिल होगा यह कहने की आवश्यकता नहीं है। इच चुनाव में जोड़ तोड़ का बड़ा खेल सभी चल रहा है। खेल में कोई पैदल सैनिक यह समझे कि उसकी बड़ी भूमिका है तो यह उसकी नासमझी है। इस खेल में बड़े बड़े महारथियों के हाथों में रथ में जोते गये घोड़ों की नकेल है।
अनेक लोग जो प्रदेश में पीछे चले गये थे वे फिर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वह भी पर्दे के पीछे से। इस भूमिका के चलते ये महारथी हार- जीत तय कर रहे हैं। अनेक महारथी तो ऐसे हैं जिनके दरबार में सभी दलोें के दावेदार मत्था टेक रहे हैं। इसका कारण समझा जा सकता है कि महारथी के हाथ मजबूत होंगे, जेब में जीत की चाबी होगी तभी तो ऐसा हो रहा है। ये महारथी 2022 के चुनाव में बड़ा दाव खेलने की भी तैयारी कर रहे हैं। इसका सीधा अर्थ महारथियों के कारण कई विधायकों पर खतरा मंडरा रहा है। इसको लेकर शह और मात का खेल भी चल रहा है।
यह चुनाव चूंकि ग्रामीण क्षेत्र का है। इसका सीधा अर्थ ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश विधायकों की नैया मंझदार में फंसाने की तैयारी भी है। इसमें पैदल सैनिक एवं घुड़सवार पूरी तरह से महारथियों के ऊंगलियों के इशारों को समझ कर काम भी कर रहे हैं। महारथी कौन इसका खुलासा भी किसी भी दिन हो सकता है। बस इंतजार कीजिये।