Dainik Athah

योगी के नेतृत्व में ही लड़ा जायेगा 2022 का विधानसभा चुनाव

– भाजपा नेतृत्व- आरएसएस की एक राय
– योगी आदित्यनाथ के चेहरे का आम जनता में असर
– संगठन- सरकार में खींचतान को दर किनार कर योगी का नेतृत्व

अशोक ओझा
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ ही भारतीय जनता नेतृत्व ने यह करीब करीब तय कर लिया है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का 2022 में होने वाला चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लड़ा जायेगा। नेतृत्व इसकी घोषणा समय आने पर करेगा।


उत्तर प्रदेश सरकार को चार वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। अब विधानसभा चुनाव भी 2022 के पहले तिमाही में होंगे। लेकिन संगठन एवं सरकार में चल रही खींचतान है। यहीं कारण है कि दिल्ली में पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उच्चस्तरीय बैठक हुई थी। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, भाजपा उप्र के संगठन महामंत्री सुनील बंसल मौजूद थे। बैठक की जानकारियां संघ की तरफ से भाजपा देख रहे दत्तात्रेय होसबोले को भी दी गई। इसके बाद होसबोले स्वयं लखनऊ प्रवास पर रहे। इतना ही नहीं संघ एवं भाजपा नेतृत्व के निर्देश पर राष्ट्रिय महामंत्री संगठन बीएल संतोष दो दिन के लखनऊ प्रवास पर गये थे। उनके साथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह भी थे।


संगठन एवं सरकार में चल रही खींचतान के चलते बीएल संतोष को लखनऊ में एक दिन अतिरिक्त रूकना पड़ा। जबकि बड़े पदाधिकारियों का कार्यक्रम पूर्व में ही तय हो जाता है। जिस प्रकार उन्होंने संगठन के पदाधिकारियों के साथ ही सरकार के एक दर्जन मंत्रियों के साथ एकांत में बैठक कर फीड बैक लिया उसे देखते हुए लग रहा था कि संगठन व सरकार में फेरबदल जल्द होगा। लेकिन अंतिम दिन की बैठक में उन्होंने पूरी खींचतान की हवा निकाल कर इशारा कर दिया कि योगी ही मुख्यमंत्री रहेंगे। इसके पीछे एक बड़ा कारण हिंदू मतदाताओं में योगी की अलग पहचान होना भी है।


भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार दिल्ली पहुंंचकर बीएल संतोष ने पूरी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को दी। इसके साथ ही संघ के बड़े अधिकारियों को भी स्थिति से अवगत कराया। इसके बाद ही तय किया गया कि भाजपा 2022 का चुनाव योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही लड़ेगी। भाजपा सूत्र बताते हैं कि चुनाव में अब बहुत कम समय रह गया है। इसलिए कोई बड़े बदलाव नहीं होंगे। मंत्रिमंडल में फेरबदल से भी इनकार नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री को इसके लिए तैयार कर फेरबदल किया जायेगा। हालांकि संगठन में किसी बड़े बदलाव से भी सूत्र इनकार कर रहे हैं। इतना अवश्य है कि अफसरशाही पर लगाम लगाने के लिए जो किया सकता है वह अवश्य किया जोयगा।


भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को निर्देश दिये जायेंगे कि वे आक्रामक शैली अख्तियार करें। इसके परिणाम भी जल्द ही नजर आयेंगे। भाजपा संगठन को महत्व देने के निर्देश भी मुख्यमंत्री को दिये जायेंगे। इसके साथ ही विधायकों की सुनवाई भी होगी।

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