-जांच में खुलासा होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहींकानपुर देहात में कूटरचित फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर दो युवतियां सहायक अध्यापिका के पद पर कई सालों से कर रही है नौकरी।
-लेखपाल, तहसीलदार आदि की फर्जी जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने की संस्तुति के बाद भी शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन ने साधी चुप्पी।सूबे के सीएम, बेसिक शिक्षा मंत्री, डीएम से शिकायत के बावजूद कार्यवाही न होना संदेह के घेरे में।
कानपुर देहात के थाना सिकंदरा क्षेत्र के ग्राम मदनपुर निवासी निशा देवी पुत्री तुलसीराम कटियार(कुर्मी) व रुचि देवी पुत्री तुलसीराम कटियार(कुर्मी) ने आरक्षण का लाभ लेते हुए तहसील में अनुसूचित जाति (चमार) दर्शाकर फर्जी कागजात दाखिल कर पिता तुलसीराम कटियार की जगह निशा देवी पुत्री घसीट प्रसाद, रुचि देवी पुत्री घसीट प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र बनवा लिए और शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनाती पा ली। दोनों लड़कियां आज भी एक ब्लॉक मैथा के गजरा रामपुर और एक राजपुर ब्लॉक के करीमनगर में नौकरी कर रही है। मामले की गांव वालों ने शिकायत की, लेखपाल,नायब तहसीलदार तहसीलदार आदि की जांच रिपोर्ट में साबित हुआ कि दोनों का जाति प्रमाण पत्र फर्जी हैं। तहसील स्तर से जिला प्रशासन को जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने की संस्तुति की गई लेकिन सालों से मामला अधर में लटका है।अभी तक दोनों शिक्षिकाओं के जाति प्रमाण पत्र निरस्त नही किए गए हैं। यह कहकर लटकाया जा रहा कि अपर जिलाधिकारी कार्यालय में मामला विचाराधीन है। सवाल उठता है कि जब लेखपाल, नायब तहसीलदार उप जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट में प्रमाण पत्र फर्जी बताकर निरस्तीकरण की प्रक्रिया अपनाए जाने की बात कही गई तो जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग बीएसए तुलसीराम कटियार की बेटी निशा व रुचि के खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं ले रहा। ताज्जुब इस बात का है कि दोनों लड़कियों ने जिस घसीट प्रसाद चमार(अनुसूचित जाति) का नाम दर्शाया है उस नाम का ग्राम मदनपुर में कोई ब्यक्ति है ही नहीं। अधिकारियों की जांच में दोनों ने घसीटे लाल की बेटियां होने का दावा किया था जो फर्जी साबित हुआ। मामले की शिकायत सीएम से लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री, डीएम कानपुर देहात जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से की गई लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नही हुई ऊपर से बेसिक शिक्षा विभाग कानपुर देहात जनसुनवाई पोर्टल पर मामले का निस्तारण दिखाकर पल्ला झाड़ रहे है। और फर्जी प्रमाण पत्र के दम पर दोनों बहनें आराम से नौकरी कर रही है। दोनों के खिलाफ कार्यवाही न होना कही न कहीं महकमें में इच्छा शक्ति की कमी या किसी निजस्वार्थ को दर्शाता है।