प्रधानी के चक्कर में ग्राम पंचायत सदस्यों को भूल गये
93 गांवों में ग्राम पंचायत सदस्यों का चुनाव पूरा न होने के कारण संकट में प्रधान
दो तिहाई ग्राम पंचायत सदस्य चुने जाने के बाद ही बैठक के बाद प्रधान कर सकेंगे काम
अशोक ओझा
गाजियाबाद। गाजियाबाद जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बावजूद आधे से अधिक गांवों में गांव की सरकार नहीं बन पायेगी। इसका सीधा कारण यह है कि ग्राम पंचायत का कोरम पूरा न होने के कारण ग्राम पंचायत का गठन नहीं होगा। इसके चलते ग्राम प्रधान चुनाव जीतकर भी कुछ करने की स्थिति में नहीं होंगे। इतनी बड़ी गड़बड़ी प्रधानों के केवल अपना हित सोचने के साथ ही ग्राम सचिवों के इस पर ध्यान न देने के कारण यह स्थिति बनी है। जिला पंचायत राज विभाग के सूत्र बताते हैं कि अब तो इन 93 गांवों के प्रधानों का शपथ ग्रहण भी नहीं होगा। इसके लिए इन्हें एक माह से अधिक का इंतजार करना होगा। इनमें सबसे अधिक 34 ग्राम पंचायत मुरादनगर ब्लाक की है।
बता दें कि गाजियाबाद जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पहले चरण में 15 अप्रेल को संपन्न हो गये थे। इसके बाद दो मई को मतगणना के बाद तीन मई तक सभी परिणाम भी घोषित कर दिये गये। लेकिन जिले में प्रधान प्रत्याशियों की नासमझी कहो या फिर उनकी चालबाजी जो उनके ऊपर ही भारी पड़ रही है अधिकांश गांवों में ग्राम पंचायत सदस्यों के नामांकन तक नहीं हुए। जिले में 93 ऐसे गांव है जिनमें ग्राम पंचायत सदस्यों का कोरम पूरा नहीं हो सका है तथा यह पर ग्राम पंचायत का गठन भी नहीं हो पायेगा।
जिला पंचायत राज कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मुरादनगर ब्लाक में सबसे अधिक 34 ग्राम पंचायतें ऐसी है जिनका गठन नहीं हो सकेगा। इस ब्लाक में 48 में से केवल 14 ग्राम पंचायतें ही गठित हो सकेगी। भोजपुर ब्लाक में गठित न होने वाली ग्राम पंचायतों की संख्या 27, लोनी ब्लाक में 17 एवं रजापुर ब्लाक में 15 है। इन गांवों में प्रधान चुने जाने के बाद भी वे कोई काम नहीं कर पायेंगे। न तो उनकी शपथ होगी एवं न ही वे कोई निर्णय ले सकेंगे।
प्रधान प्रत्याशियों की चालबाजी उनके ऊपर ही पड़ी भारी
सूत्रों के अनुसार जिन गांवों में ग्राम पंचायत सदस्यों का कोरम पूरा नहीं हो सका है उन गांवों में प्रधान पद के प्रत्याशियों की चालबाजी उनके ऊपर ही भारी पड़ रही है। अधिकांश ने यह सोचा कि वे ग्राम पंचायत सदस्यों की तरफ ध्यान देंगे तो उनके चुनाव पर असर पड़ेगा। इस कारण उन्होंने देखा ही नहीं कि ग्राम पंचायत सदस्यों के सभी पदों के लिए नामांकन हुआ अथवा नहीं। वे यह भी नहीं चाहते थे कि विरोधियों के दावपेंच में वे फंस जायें। इसके साथ ही जो नये प्रधान चुने गये हैं उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी।
एक माह से अधिक करना पड़ सकता है चुनाव के लिए इंतजार
राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार जिन गांवों में ग्राम पंचायत सदस्यों के पद रिक्त है उन्हें चुनाव के लिए एक माह से अधिक का इंतजार करना पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि कोरोना महामारी के चलते आयोग एक माह तक चुनाव करवाने का इच्छुक नहीं है।
ग्राम पंचायतों का गठन होने के लिए दो तिहाई ग्राम पंचायत सदस्यों का चुना जाना आवश्यक है। जिन गांवों में कोरम पूरा नहीं है वहां पर प्रधान की शपथ भी नहीं होगी। इस कारण इन गांवों में विकास संबंधी अथवा कोई भी निर्णय ग्राम प्रधान नहीं कर सकते। प्रधान प्रत्याशियों के साथ ही संबंधित सचिवों की भी इस मामले में कमी है।—–अनिल कुमार त्रिपाठी, जिला पंचायत राज अधिकारी, गाजियाबाद
इन गांवों में नहीं होगा ग्राम पंचायतों का गठन
ब्लाक भोजपुर
1- मोहम्मदपुर सुजानपुर अखाड़ा 2. कनकपुर 3. अमीपुर बड़ायला 4. औरंगाबाद दतैड़ी 5. मुकीमपुर 6. फफराना 7. शेरपुर 8. सीकरी खुर्द 9. औरंगाबाद गदाना 10. बखरवा- विद्यापुर 11. चुड़ियाला 12. सैदपुर हुसैनपुर डीलना 13. कादराबाद 14. सारा 15. मकरमतपुर सिखैड़ा 16. याकूतपुर मवी 17. ह्रदयपुर भंडौला 18. शाहबाजपुर 19. बिशौखर 20. भदौला 21. किल्होड़ा रघुनाथपुर 22. नाहली 23. नंगौला अमीपुर 24. ईशाकपुगर 25. भोजपुर 26. खंजरपुर 27. युसूफपुर नंगला बेर
लोनी ब्लाक
1.मुर्तजापुर भूपखेड़ी 2. महमदपुर 3. कोतवालपुर 4. शरफुद्दीनपुर जावली 5. औरंगाबाद रिस्तल 6. चिरौड़ी 7. नुरसताबाद खड़खड़ी 8. सिखरानी 9. पचायरा 10. बदरपुर 11. अल्लीपुर नौरसपुर 12. अगरौला 13. सादाबाद डुगरावली 14. अफजलपुर 15. निस्तौली 16. टीला शहबाजपुर 17. बंथला
रजापुर ब्लाक
1 .समयपुर 2. डिडवारी चितौड़ा 3. नूरपुर 4. काजपुर 5. शाहपुर निज मोरटा 6. मकरैड़ा महमूदाबाद 7. बहादुरपुर 8. शमशेर 9. मथुरापुर 10. मोरटी 11. इनायतपुर 12. इकला 13. मसौता 14. मटियाला 15. नंगला फिरोज मोहनपुर
( मुरादनगर ब्लाक में 48 में से 34 गांवों में ग्राम पंचायतों का गठन नहीं होगा। वहां के गांवों की सूची प्राप्त नहीं हो सकी)