डूब रहे पांच बच्चों समेत 9 लोगों को बचाया गया
अथाह संवाददाता गोरखपुर।
पर्यटन का पर्याय बन चुके रामगढ़ ताल में स्पीड बोट और शिकारा के बीच टक्कर के बाद शिकारा पलट गई। इसकी वजह से शिकारा में बैठे पांच बच्चों समेत कुल नौ लोग पानी में गिर गए। जैसे तैसे इन सभी को स्पीड बोट संचालित कर रही संस्था के सदस्यों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इसकी वजह से काफी देर तक अफरा तफरी मची रही। शिकारा संचालक का अभी तक जीडीए से अनुबंध भी नहीं हुआ है। बिना अनुबंध के ही शिकारा चलाया जा रहा है। किसी को लाइफ सपोर्ट जैकेट भी नहीं पहनाया गया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर शिकारा उतारने की बात कही थी। संचालन की जिम्मेदारी गोरखपुर विकास प्राधिकरण को मिली है। वहीं पर्यटन विभाग की ओर से निषाद नौकायन विकास समिति स्पीड बोट संचालित कर रही है। रविवार को शिकारा संचालकों ने ट्रायल में ही पांच बच्चों समेत नौ लोगों को बैठा लिया। अचानक एक स्पीड बोट शिकारा से टकरा गई। इससे शिकारा पलट गई। शिकारा में बैठे 5 बच्चे, दो पुरुष और दो महिला डूबने लगे। इससे चीख-पुकार मच गई। हर ओर से बचाओ-बचाओ की आवाज गूंजने लगी।
इसी दौरान निषाद नौकायन विकास समिति के कुछ सदस्यों ने पानी में छलांग लगा दी। इसके बाद सभी को ताल से सुरक्षित निकाला गया। गनीमत यह थी कि जहां पर शिकारा पलटी वहां पानी कम था। अगर पानी ज्यादा होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। इस हादसे के बाद ताल में बोटिंग के दौरान अपनाए जा रहे सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठाए जा रहे है। लोगों का कहना है कि जब शिकारा चलाने का अनुबंध नहीं था तो सवारी बैठाकर रामगढ़ ताल में उतरने की क्या जरुरत थी?
रामगढ़ ताल में जीडीए के अलावा पर्यटन निगम की ओर से अलग-अलग नाव संचालित कराई जाती हैं। सबके लिए जेटी और रूट निर्धारित है। निश्चित तौर कुछ गड़बड़ी की वजह से ऐसी घटना हुई होगी। मामले की जानकारी मिली है। इसकी जांच कराई जाएगी। साथ ही ऐसी व्यवस्था कराई जाएगी कि आगे से ऐसी घटना न हो। -अनुज सिंह, उपाध्यक्ष, जीडीए