मोदी इंडस्ट्रीज के चेयरमैन उमेश कुमार मोदी की याचिका पर
मोदीनगर पुलिस को डीके मोदी व मानव मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दिये आदेश
उमेश कुमार मोदी ने लगाया निजी ट्रस्ट में संपत्तियों के हस्तांरण कर करोड़ों के गबन का आरोप
अथाह संवाददाता, मोदीनगर।
मोदी घराने में विवाद रूकने का नाम नहीं ले रहा है। अब मोदी इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं उमेश मोदी ग्रुप के मुखिया उमेश कुमार मोदी की याचिका पर अदालत ने केएन मोदी ग्रुप के डा. डीके मोदी एवं उनके पुत्र मानव मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश मोदीनगर थाना प्रभारी को दिये हैं।
उमेश कुमार मोदी ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गाजियाबाद की अदालत में याचिका दायर कर कहा कि मोदीनगर को रायबहादुर गुजरमल मोदी ने बसाया था। आवेदक उनका पुत्र है। उनके पिता ने मोदीनगर में विभिन्न प्रकार के औद्योगिक संस्थान व आम लोगों के फायदे के लिए विभिन्न चेरिटेबल एवं एज्यूकेशनल ट्रस्ट व सोसायटी बनाई थी। इसके साथ ही दान में दी गई थी। उन्होंने कहा कि डीके मोदी एवं मानव मोदी द्वारा अपने स्वयं के लाभ के लिए विभिन्न ट्रस्टों का निर्माण किया गया है।दोनों का उद्देश्य उनके पिता स्थापित ट्रस्ट एवं सोसायटी की जमीनों एवं संपत्तियों को अपने लाभ लिए उन्हें अपने द्वारा स्थापित विभिन्न ट्रस्टों में हस्तांतरित करना है।
उमेश कुमार मोदी ने अदालत में दायर याचिका में इसके साथ ही कहा है कि वे मोदी चेरिटेबल फंड सोसायटी मोदीनगर के सदस्य है, उक्त सोसायटी की मोदीनगर में बहुत सी जमीनें है। सोसायटी का गठन शिक्षा के लिए हुआ था जिसके सदस्यद डा. डीके मोदी एवं मानव मोदी ने मिलकर सोसायटी की भूमि को बजरिये गिफ्ट डीड 19 मार्च 2020 द्वारा डा. केदारनाथ मोदी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एवं रिसर्च ट्रस्ट को हस्तांतरित कर दी है जो इनका निजी ट्रस्ट है और इस प्रकार उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों रुपये का गबन किया गया है। इसके साथ ही बाकि संपत्तियों को भी अपने निजी लाभ के लिए हस्तांतरित करने में लगे हैं। इस संबंध में एसएसपी गाजियाबाद से शिकायत की गई थी, किंतु कार्यवाही नहीं हुई। उमेश कुमार मोदी ने मांग की कि उनकी रिपोर्ट दर्ज कर जांच के लिए निर्देश दिये जायें।
उमेश कुमार मोदी के प्रार्थना पत्र को न्यायालय ने स्वीकार करते हुए धारा 156 (3) दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत मोदीनगर थाना प्रभारी को आदेश दिया कि सबंधित व्यक्तियों के खिलाफ समुचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना करें।