Dainik Athah

दिल्ली सरकार ने किया 1131 करोड़ का घोटाला :आदेश गुप्ता

 नई दिल्ली। पानी माफ, बिजली बिल हाफ के दावे के साथ सत्ता हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी के दावों की पोल एक बार फिर खुल गई है, जिससे साबित हो गया है कि केजरीवाल सरकार सिर्फ घोटालेबाज सरकार है। इस महामारी के दौर में हर नागरिक मंदी और आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। दिल्ली के लोग केजरीवाल सरकार से बिजली बिलों में राहत की गुहार लगा रहे हैं वहीं केजरीवाल सरकार बिजली कंपनियों व डीईआरसी के साथ मिलकर घोटाले को अंजाम देने में लगी हुई है। इसको लेकर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला और सब्सिडी व फिक्स्ड चार्ज के नाम पर किए गए घोटाले को उजागर किया। इस अवसर पर विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, मीडिया प्रमुख अशोक गोयल देवराहा, यूनाइटेड रेजिडेंट्स ऑफ दिल्ली (यूआरडी) के महासचिव सौरभ गांधी भी उपस्थित थे। इस दौरान उन्होंने एक-एक कर केजरीवाल सरकार, बिजली कंपनियों और डीईआरसी द्वारा किए गए 1131 करोड़ के घोटाले की परत खोली। यह भी बताया कि किस तरह दिल्ली सरकार इंडस्ट्रीज, दुकानें और ऑफिस वालों से फिक्स चार्ज के नाम पर भारी भरकम बिजली बिल की वसूली कर रही है।

 श्री आदेश गुप्ता ने बताया कि केजरीवाल सरकार बिजली बिल माफ व हाफ करने को लेकर सिर्फ ढकोसलेबाजी करती आई है। हकीकत में केजरीवाल सरकार बिजली कंपनियों के साथ मिलकर उन्हें फायदा पहुंचाने में लगी हुई है। उन्होंने बताया कि दिल्ली की आरडब्ल्यूए से मिले बिलों के डाटा और नागरिकों से मिली शिकायतों से पता लगा है कि लॉकडाउन के दौरान जब बिजली कंपनियां मीटर रीडिंग नहीं ले पा रही थीं तो उपभोक्ताओं को लगभग 94 दिनों को बिजली बिल भेजा है, इन बिजली बिलों में प्रतिमाह के अनुसार खपत भी दिखाई गई है, लेकिन जिस महीने में खपत 200 व 400 यूनिट से भी कम है वहां भी उपभोक्ता को सब्सिडी उपलब्ध नहीं कराई गई। उन्होंने बताया कि बजट 2020-21 में दिल्ली सरकार ने 12 महीने के लिए 2820 करोड़ रुपए सब्सिडी का प्रावधान किया है, लेकिन लॉकडाउन में उपभोक्ताओं को सब्सिडी न देकर केजरीवाल सरकार ने बिजली कंपनियों और डीईआरसी के साथ मिलकर 726 करोड़ रुपए का घोटाला किया है।

 श्री गुप्ता ने बताया कि 33 रेगुलराइज इंडस्ट्रियल एरिया, जबकि 22 रिडिवेलप्ड अनप्लानड एरिया और हाउस होल्ड इंडस्ट्रीज (11 किलोवॉट कनेक्शन एवं 9 लोग काम करते हैं) लगभग 2 लाख छोटी-बड़ी इंडस्ट्रीज दिल्ली में काम करती हैं। लॉकडाउन के दौरान इंडस्ट्रीज पूरी तरह बंद थीं। किसी भी तरह का काम नहीं किया गया। जबकि वर्तमान में भी यह इंडस्ट्रीज महज 25 प्रतिशत क्षमता के साथ ही काम कर रही हैं, लेकिन बिजली कंपनियों ने फिक्स चार्ज/एवरेज बिल के नाम पर भारी भरकम बिल भेज दिया है। ऐसे में जहां केजरीवाल सरकार को राहत देनी चाहिए थी, लेकिन वह सिर्फ बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के बारे में ही सोच रही है।

 श्री गुप्ता का कहना है कि दिल्ली में लगभग 4 लाख दुकानें शॉपिंग मार्केट में, लगभग 2 लाख ऑफिस, ट्रेड एवं कॉम्पलैक्स व डिस्ट्रिक सेंटर में हैं और लगभग 1 लाख दुकानें होल सेल मार्केट में हैं। लॉकडाउन के दौरान यह सब भी पूरी तरह बंद थे। केजरीवाल सरकार ने इस वर्ग को भी राहत देना जरूरी नहीं समझा। फिक्स्ड चार्ज/एवरेज बिल के रूप में हजारों रुपए का बिजली बिल भेजा जा रहा है।
 श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली भाजपा यह मांग करती है कि उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ दिया जाए। लॉकडाउन मे बंद पड़े व्यवसायिक स्थानों के बिजली बिलों से फिक्स्ड चार्ज तुरंत प्रभाव से हटाया जाए। इसके साथ सही बिल बना कर भेजे जाएं और किश्तों में भुगतान करने की सुविधा दी जाये। अगर केजरीवाल सरकार बिजली बिलों में उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ नहीं देती है और फिक्स्ड चार्ज नहीं हटाती है तो इसके लिए दिल्ली भाजपा आंदोलन करेगी। 

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