अथाह संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में जिस तरह प्रदूषण दिन प्रति दिन बड़ रहा है उसको देकते हुए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने पटाखों को 7 नवंबर से 30 नवंबर तक बैन लगाने का फैसला लिया है। कोर्ट ने कहा कि जो भी राज्य इस मामले में अपनी रिपोर्ट दाखिल करना चाहते हैं वह कल शाम 4:00 बजे तक कर सकते हैं।
एमिकस ने कोर्ट से कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भले ही ग्रीन पटाकों को चलाने की मंजूरी दे दी हो, लेकिन उनसे भी प्रदूषण होता है। कोविड का समय है और प्रदूषण की स्थिति देखे तो वह खतरनाक स्तर पहुंच गई है। इस स्थिति में पटाकों को बैन नहीं किया तो वह कोविड के मरीजों के लिए बहुत खतरनाक साबित होगा। NGT ने कहा की फिलहाल पटाकों को बैन करने के अलावा हमारे पास कोई चारा नहीं है।
एमिकस ने कहा कि फिलहाल प्रदूषण का जो स्तर है और हवा में जो खतरनाक पार्टीकल हैं, उनसे न केवल कोविड मरीजों बल्कि सांस के मरीजों और बीपी के मरीजों के लिए भी जानलेवा व खतरनाक है. वायु प्रदूषण बढ़ने पर ऐसे मरीजों की परेशानी और बढ़ेगी.
सुनवाई के दौरान डॉक्टरों की रिपोर्ट को भी कोर्ट के सामने रखा, उस रिपोर्ट में बताया गया है की वायु में प्रदूषण बढ़ने से PM 2.5 के बढ़ने के बाद सांस लेने से पार्टिकल्स फेफड़ों और खून में जाकर हार्ट अटैक तक का खतरा बढ़ा देते हैं।
यह बात भी रखी गई कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में पटाकों पर बैन लगाकर ग्रीन पटाकों को चलाने की इजाजत दी थी, लेकिन 2019 की दीवाली में ग्रीन पटाकों के चलाने के बावजूद भी देश के बढ़े शहरों में प्रदूषण का स्तर कम नहीं हुआ।
कोर्ट ने कहा कि हम किसी भी त्यौहार को न मानने के पक्ष में नहीं हैं, हमारा इरादा सिर्फ आम लोगों के स्वास्थ्य और जान को बचाना है। इस दौरान कोर्ट ने पूछा कि क्या कोविड के चलते प्रदूषण आम लोगों के लिए और खतरनाक हुआ है? एमिकस ने कहा कि ये 2019 के आखिर में शुरू हुआ और ये नई स्तिथि है, जिसको देखे जाने की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि कल रात को लुटियन जोन में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 384 था और वो भी कमरे के अंदर।
हालांकि उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने अभी तक कोर्ट में अपना रुख साफ नहीं किया है। NGT ने सोमवार को पर्यावरण मंत्रालय, दिल्ली सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, हरियाणा सरकार,राजस्थान सरकार, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड, दिल्ली पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड को पटाखों को बैन करने को लेकर नोटिस जारी किया था।