Dainik Athah

नगर विकास विभाग और स्कूल आॅफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, दिल्ली के बीच साइन हुआ एमओयू

  • योगी सरकार में प्रदेश के स्थानीय नगर निकायों में होगा वैश्विक स्तर पर विकास
  • स्थानीय नगर निकायों में अर्बन प्लानिंग को सशक्त बनाने के लिये विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम
  • यूपी के शहरों का सतत और समावेशी विकास के मानकों के आधार पर होगा विकास
  • स्थानीय नगर निकायों के अधिकारियों की अर्बन प्लानिंग की समस्याओं को दूर करेगा ये प्रशिक्षण

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में शहरी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश के नगर विकास विभाग ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। नगर विकास विभाग ने स्कूल आॅफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसएपी), दिल्ली के साथ आज लखनऊ में नगरीय निकाय निदेशालय में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। यह समझौता नगर विकास विभाग की आकांक्षी नगर योजना के अंतर्गत टाटा ट्रस्ट के समर्थन से हुआ है। एमओयू का उद्देश्य विशेष रूप से प्रदेश के छोटे शहरों के स्थानीय नगर निकायों को अर्बन प्लांनिंग प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में आने वाली समस्याओं को दूर करना है। इसके लिए प्रदेश का नगर विकास विभाग एसएपी, दिल्ली के सहयोग से स्थानीय नगर निकायों के अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगा।
नगर विकास विभाग की यह पहल प्रदेश में छोटे शहरों में शहरी नियोजन विशेषज्ञता की कमी को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सीएम योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुसार प्रदेश के शहरों का विकास सतत और समावेशी विकास की अवधारणा के अनुरूप करने का प्रयास है। यह प्रयास तेजी से विकसित हो रहे प्रदेश के छोटे स्थानीय नगर निकायों की विशिष्ट चुनौतियों, जैसे बुनियादी ढांचे, संसाधन प्रबंधन और सतत विकास से निपटने के लिए शहरी प्रबंधकों का एक सक्षम नेटवर्क बनाने पर केंद्रित है।
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने एमओयू की महत्ता बताते हुए कहा कि यह समझौता हमारी उस प्रतिबद्धता को दशार्ता है कि कोई भी शहर, चाहे वह कितना भी छोटा हो, हमारी शहरी विकास यात्रा में पीछे न छूटे। उन्होंने ने कहा कि यह साझेदारी एक एकीकृत प्रशिक्षण योजना प्रदान करेगी, राज्य और क्षेत्रीय संस्थानों के साथ सहयोग को बढ़ावा देगी और विकास योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रशिक्षण मैनुअल तैयार करेगी।
स्कूल आॅफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर,दिल्ली के निदेशक प्रो. वीरेंद्र कुमार पॉल ने इस पहल के व्यापक दृष्टिकोण पर जोर देते हुए कहा कि यह एमओयू समग्र रूप से भारत में शहरों के बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित है। हम सक्षम ह्यशहरी प्रबंधकोंह्ण का एक समूह बनाने की आकांक्षा रखते हैं जो सतत, जलवायु-अनुकूल और सांस्कृतिक रूप से जीवंत शहरों को भारत का गौरव बनाने में योगदान देंगे।
नगर विकास विभाग की ये पहल स्थानीय नगर निकायों में समावेशी शहरी विकास के व्यापक सिद्धांतों के अनुरूप विकास कार्यों को सुनिश्चित करती है। इस पहल का उद्देश्य है कि विकास का लाभ सभी शहरी निवासियों को मिले, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। सतत शहरी विकास के लिए सभी हितधारकों की भागीदारी आवश्यक है और प्रत्येक स्थानीय नगर निकायों के भीतर विविध समुदायों की जरूरतों को पूरा करना आवश्यक है। नगरीय विकास विभाग और एसएपी, दिल्ली के बीच साझेदारी अर्बन प्लानिंग में शैक्षणिक संस्थान की विशेषज्ञता को उत्तर प्रदेश में शहरी विकास की चुनौतियों के प्रबंधन में विभाग के व्यावहारिक अनुभव के साथ जोड़ेगी।
टाटा ट्रस्ट का वित्तीय समर्थन इस कार्यक्रम की उत्तर प्रदेश के शहरी परिदृश्य को बदलने की क्षमता को रेखांकित करता है। सेवा वितरण और नियोजन प्रक्रियाओं में सुधार करके, यह पहल अधिक रहने योग्य, सुविधाजनक और सतत छोटे शहरों को बनाने का लक्ष्य रखती है। समझौता ज्ञापन के अवसर पर नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार शुक्ला, नगरीय निकाय निदेशक अनुज कुमार झा, टाटा ट्रस्ट की शिखा श्रीवास्तव और एसएपी, दिल्ली की पूनम प्रकाश सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।


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