जिला एमएमजी अस्पताल के परामर्शदाता पैथॉलाजीस्ट डा. मुकेश चौधरी ने बनाई कोरोना की दवा
प्रधानमंत्री, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक को भेज चुके हैं कोरोना की दवा का प्रस्ताव
किसी स्तर से नहीं मिला संतोषजनक जवाब
फ्रांस सरकार ने भारत स्थित दूतावास को दिये डा. मुकेश चौधरी से संपर्क करने के निर्देश
अशोक ओझा
गाजियाबाद। डा. मुकेश चौधरी ने भारत में कोरोना की दवा तैयार की है जिसका नाम उन्होंने मुचरी रखा है। उनका दावा है कि इस दवा को लेने के बाद कोरोना संक्रमण 24 घंटे में समाप्त हो जाता है। उन्होंने दवा की जांच करवाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर नीचे तक के अफसरों को पत्र भेजा है। लेकिन कोई उनकी बात पर ध्यान नहीं दे रहा है। इस दवा को लेने के बाद अनेक डॉक्टर तक सराहना कर चुके हैं। फ्रांस सरकार ने अपने भारत स्थित दूतावास को उनसे संपर्क करने के लिए भी कहा है।
सबसे पहले पत्नी पर किया प्रयोग
डा. मुकेश चौधरी जिला एमएमजी अस्पताल में वर्ष 2018 से तैनात है। वे परामर्शदाता पैथॉलाजीस्टि के पद पर कार्यरत है। उन्होंने दैनिक अथाह से बातचीत करते हुए कहा कि जब कोरोना संक्रमण पूरे विश्व में तेजी से पांव पसार रहा था उस समय उन्होंने बड़ी मेहनत कर इस दवा चकोर को तैयार किया। लेकिन समस्या यह थी कि इसका प्रयोग कैसे किया जाये। संयोगवश उन्हें कोरोना हुआ। इसके साथ ही पत्नी सुनीता चौधरी को कोरोना हो गया। उन्होंने यह दवा स्वयं लेने के साथ ही पत्नी को दी। पत्नी के साथ ही वे स्वयं भी ठीक हो गये। इसके बाद पुत्र शिवांश को भी उन्होंने दवा दी।
पत्नी के संक्रमित होने पर हुई थी खुशी
डा. मुकेश चौधरी बताते हैं कि पत्नी सुनीता चौधरी के संक्रमित होने पर उन्हें खुशी हुई। इसका कारण यह था कि वे पत्नी के ऊपर दवा का प्रयोग कर सकते थे। हालांकि उनके पुत्र शिवांश को डर भी लगा था।
अब तक छह दर्जन से ज्यादा कोरोना संक्रमित मुचरी से हो चुके हैं दुरस्त
डा. मुकेश चौधरी मुचरी दवा से अब तक करीब छह दर्जन से अधिक लोगों को दुरुस्त कर चुके हैं। उनकी दवा से ठीक होने वालों में आम लोगों के साथ ही एक जिले के जिला जज, डॉक्टर, पत्रकार, वकील समेत अन्य लोग हैं। जिस मरीज को भी दवा देते हुए हैं सबूत के रूप में उसकी वीडियो भी बनाकर अपने पास रखते हैं।
अपने हाथों से मरीज को पिलाते हैं दवा
डा. मुकेश चौधरी अपने हाथों से ही मरीज को दवा पिलाते हैं। उनका कहना है कि या तो मरीज उनके पास आयें अथवा कोई मुझे मरीज के पास लेकर जायें। इसका कारण यह है कि वे कार नहीं चला पाते। दवा किसी के हाथ में न देने का कारण यह बताते हैं कि कोई दवा को लेकर उसके ऊपर रिसर्च कर सकता है। इसके बाद उन्हें कौन पूछेगा। उन्होंने कहा कि दवा को तैयार करने में उन्हें चार माह का समय लगा। मरीज को दवा देने के लिए वे महोबा, जिले के निजी अस्पतालों, लखनऊ एवं कानपुर तक तक जा चुके हैं। उनकी दवा से मरीज ठीक भी हुए हैं।
बाजार में आने पर गरीब व्यक्ति की पहुंच में भी होगी दवा
डा. मुकेश चौधरी की मानें तो उनका कहना है कि यह दवा इतनी सस्ती होगी कि गरीब से गरीब व्यक्ति भी आसानी से इसे खरीद सकता है। उन्होंने बताया कि घर में मौजूद वस्तुओं से ही यह दवा आसानी से बन जाती है।
मात्र आधे घंटे में मरीज को आराम मिलना शुरू हो जाता है
उनका दावा है कि मरीज को मात्र आधे घंटे में आराम मिलना शुरू हो जाता है। घर में मरीज को रखने के बाद भी उस मरीज से दवा लेने के बाद परिवार के किसी अन्य सदस्य को कोरोना नहीं होगा।
डेंगू, चिकनगुनिया एवं स्वाइन फ्लू का उपचार भी इसी दवा में
डा. मुकेश चौधरी का दावा है कि इस दवा में कोरोना के साथ ही डेंगू, चिकनगुनिया एवं स्वाइन फ्लू का उपचार भी संभव है। उन्होंने बताया कि कोरोना का मरीज एक बार दवा देने से 90 फीसद ठीक हो जाता है। आवश्यकता पड़ने पर दूसरी बार दवा देनी पड़ती है।
अनेक देशों के हैं संपर्क में, लेकिन भारत को देना चाहते हैं दवा
डा. मुकेश चौधरी ने बताया कि अनेक देशों के लोग उनके संपर्क में है। लेकिन वे दवा को भारत सरकार को देना चाहते हैं। भारत सरकार ही इसका पेटेंट करवाये। इसके साथ ही पूरे विश्व में भारत का नाम होे। वे दवा के मामले में टीवी पर लाइव टेलीकास्ट भी चाहते हैं।
मुझे परामर्शतादा पैथॉलाजिस्ट का 25 वर्ष का अनुभव है। मूल रूप से जालौन के रहने वाले हैं। उनकी पूरी शिक्षा इलाहाबाद में हुई। पैथॉलाजी में एमडी किया है। जब भी कोई गंभीर बीमारी विश्व में फैलती है तब वे रिसर्च करने के बाद दवा बनाते हैं। कोरोना की दवा चार माह में तैयार की। मैं इस दवा को बेचना नहीं चाहता। भारत सरकार को दान देना चाहता हूं जिससे वह पेटेंट करवायें तथा विश्व भर में भारत का नाम हो। मैं नहीं चाहता कि दवा ऐसे लोगों के हाथों में पड़े जो इसे बेचकर मुनाफा कमायें। इंसानियत की सेवा के लिए दवा तैयार की है।
डा. मुकेश चौधरी, परामर्शदाता पैथॉलाजीस्टि, जिला एमएमजी अस्पताल गाजियाबाद।