अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आगरा के एक अस्पताल में महात्मा बुद्ध और बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की चित्रित टाइल्स को फर्श पर लगाना एक ऐसा अपमानजनक कुकृत्य है जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है। कभी बाबा साहेब निर्मित संविधान बदलने की साजिश, कभी मध्य प्रदेश में कोर्ट परिसर में उनकी मूर्ति लगाने का विरोध और कभी जमीनी टाइल्स पर उनका चित्रण एक सोची-समझी चाल है, जिसके पीछे प्रभुत्ववादियों का कौन सा गुट काम कर रहा है कहने की आवश्यकता नहीं है। इससे पहले इसी सरकार में लखनऊ, लखीमपुरखीरी में बाबा साहब की प्रतिमा स्थापना को लेकर दबंगों ने रोड़े अटकाए और पीडीए को अपमानित करने का प्रयास किया। भाजपा सरकार और शासन-प्रशासन दबंगों के साथ खड़ा रहता है।
यादव ने कहा कि जैसे-जैसे पीडीए की चेतना बढ़ रही है, वैसे-वैसे पीडीए के प्रेरणास्रोत प्रतीकों व महापुरुषों पर और साथ ही पीडीए समाज पर वर्चस्ववादियों के शारीरिक-मानसिक प्रहार भी बढ़ रहे हैं। ऐसे सुनियोजित अपमान करके जिनको लग रहा है कि पीडीए का मनोबल टूटेगा वो ऐतिहासिक भूल कर रहे हैं। प्रताड़ना का प्रतिकार शक्ति बन कर उभरता है। उत्पीड़न की भी एक सीमा होती और उत्पीड़क की भी। अब भाजपा वो सीमा लाँघ चुकी है और अपने पतन को देखते हुए ऐसे कुत्सित-कृत्यों से पीडीए की हिम्मत और एकजुटता को तोड़ने का अंतिम प्रयास कर रही है, जिसमें अब वो कभी सफल नहीं होगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाज का हर वर्ग समझ गया है कि भाजपा सरकार को विकास और तरक्की से कोई मतलब नहीं है। यह जुमलाबाजों की सरकार है। भाजपा सरकार में अन्याय, अत्याचार, अराजकता चरम पर है। भ्रष्टाचार और लूट चरम पर है। नदियों में अवैध खनन हो रहा है। भाजपा सरकार के अवैध खनन के भ्रष्टाचार को देखने के लिए न तो दिल्ली का ड्रोन पहुंच पाता है और न लखनऊ का सीसीटीवी कैमरा। भाजपा सरकार में सभी अवैध काम सरेआम सत्ता की सांठ-गांठ और मिलीभगत से हो रहे है। प्रदेश की जनता 2027 में भाजपा को सत्ता से हटाकर इसके भ्रष्टाचार का अंत कर देगी।