Dainik Athah

कोई भी निर्णय या नीति समाज और देश के हित में है तो उसे अपनाने में देर नहीं करनी चाहिए: विनीत सरन

  • लखनऊ में ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन
  • बार-बार चुनाव होना देश के लिए एक बड़ी समस्या: राघवेंद्र सिंह

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश एडवोकेट फोरम के तत्वाधान में बुधवार को राजधानी लखनऊ में ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में रावी व्यास वाटर ट्रिब्यूनल के चेयरमैन उच्चतम न्यायालय से अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति विनीत सरन ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार आरोड़ा ने की।

कार्यक्रम को उत्तर प्रदेश अधिवक्ता फोरम के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व महाअधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह ने भी सम्बोधित किया। संचालन उत्तर प्रदेश एडवोकेट फोरम के महामंत्री अखिलेश अवस्थी ने किया। इस अवसर पर अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रिपु दमन शाही, सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिलेश जायसवाल] लखनऊ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश तिवारी सहित वरिष्ठ अधिवक्तागण, अवध बार एसोसिएशन, सेंन्ट्रल बार एसोसिएशन, लखनऊ बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता गण उपस्थित रहे।
‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए उच्चतम न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति विनीत सरन चेयरमैन रावी व्यास वाटर ट्रिब्यूनल ने कहा कि अगर कोई भी निर्णय या नीति समाज और देश के हित में है तो उसे अपनाने में देर नहीं करनी चाहिए। उन्होंने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ की आवश्यकता और उसके महत्व पर बोलते हुए कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। हमारे देश में सबसे ज्यादा इलेक्शन होते है। हम सब जानते है कि बार-बार इलेक्शन होने से न सिर्फ समय की बबार्दी होती है बल्कि संसाधनों पर बोझ पड़ता है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव अलग-अलग होने पर खर्चा तो बढ़ता ही है साथ ही विकास की रफ्तार भी बाधित होती है।
विनीत सरन ने कहा कि विश्व में कई ऐसे देश है जहां एक साथ चुनाव होता है। हमें भी एक राष्ट्र-एक चुनाव की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। क्योंकि एक राष्ट्र-एक चुनाव होने से न सिर्फ बार-बार चुनावों से होने वाले हजारों करोड़ रूपयों की बचत होगी बल्कि देश की प्रगति-विकास में भी तेजी आएगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उच्च न्यायालय इलाहाबाद के अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति डीके अरोड़ा ने बार-बार चुनाव की प्रक्रिया में अनावश्यक धन के व्यय को राष्ट्रहित में बचाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा एक राष्ट्र-एक चुनाव होने से जो धन की बचत होगी उसका उपयोग राष्ट्र निर्माण के लिए होगा।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश फोरम के अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि बार-बार चुनाव होना देश के लिए एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा विगत 30 वर्षों में भारत में एक भी वर्ष ऐसा नही बीता होगा जब देश में कोई ना कोई चुनाव ना हुआ हो। उन्होने एक राष्ट्र-एक चुनाव की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद भारत में लोकतांत्रिक ढ़ग से कई चुनाव संपन्न हो चुके है। सिंह ने एक राष्ट्र-एक चुनाव को देशहित में आवश्यक बताया।


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