- कार्यभार ग्रहण करने के 15 दिन बाद मीडिया से रू-ब-रू हुए पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गोड
- पुलिस की हर सेवा के लिए समय किये गये निर्धारित
- भ्रष्टाचार किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं
- बीट पुलिसिंग प्रणाली की घोषणा, जनता को मिलेगी राहत
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गोड ने कहा कि प्रदेश सरकार और पुलिस मुख्यालय की मंशा के अनुरूप आम जनता की सुरक्षा एवं सुविधा उनकी शीर्ष प्राथमिकता होगी। उन्होंने एक प्रकार से जिले के सभी पुलिस अफसरों चौकी प्रभारी से लेकर अपर पुलिस आयुक्त तक को यह संदेश दे दिया कि जन सुनवाई हर हाल में होनी चाहिये। इतना ही नहीं पुलिस की हर सेवा के लिए समय निर्धारित कर दिया कि कौन सी सेवा का समय कितने दिन का है।

गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट का कार्यभार ग्रहण करने के 15 दिन के अंदर उन्होंने पुलिस व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन करने के बाद मीडिया से वार्ता करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा जिले में शांति व्यवस्था उनकी प्राथमिकता है। इस मौके पर उन्होंने बीट प्रणाली लागू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बीट प्रणाली का सीध अर्थ है पुलिस अधिकारी या पुलिस टीम को जिम्मेदारी सौंपना जिससे नियमित रूप से गश्त व जनता से संवाद स्थापित हो सके। यह सामुदायिक पुलिसिंग की नींव मानी जाती है जो विश्वास, जवाबदेही और स्थानीय स्तर पर समस्या समाधान को बढ़ावा देती है। इसके तहत नगर जोन में 512, ट्रांस हिंडन जोन में 693 और ग्रामीण जोन में 891 बीट निर्धारित की गई है। पूरे जिले में 2096 बीट निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि अपनी ड्यूटी के दौरान बीट पुलिसकर्मी साफ सुथरी वर्दी पहनकर जनसंपर्क दौरान जनता से मृदु व्यवहार रखेंगे। अपने क्षेत्र के संबंध में उन्हें पूर्ण जानकारी होनी चाहिये।

जन केंद्रित पुलिस व्यवस्था
- पुलिस की हर सेवा के लिए समय निर्धारित
- पासपोर्ट सत्यपान 15 दिन में किया जायेगा
- पुलिस सत्यापन जैसे किरायेदार का सत्यापन, चरित्र सत्यापन, कर्मचारी का सत्यापन, नौकर का सत्यापन का समय 10 दिन में
- अनापत्ति प्रमाण पत्र: एनओसी पांच दिन में जारी की जायेगी
एफआईआर व पोस्टमार्टम रिपोर्ट
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि एफआईआर की प्रति एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रति वादी के घर जाकर दी जायेगी, इससे महिलाओं एवं वृद्ध लोगों को खासकर दौड़भाग नहीं करनी होगी
सुबह 10 से 2 बजे तक होगी जनसुनवाई
पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गोड ने ने स्पष्ट किया कि सभी राजपत्रित पुलिस अधिकारियों एवं थानों में जन सुनवाई सुबह दस से दोपहर दो बजे तक होगी
. आईजीआरएस के संबंध में शिकायतकर्ता से 24 घंटे में संपर्क किया जायेगा और 48 घंटों में शिकायत का निस्तारण किया जायेगा
जनता से फीडबैक लेगी पुलिस
जे रविंद्र गोड ने बताया कि कमिश्नरेट स्तर पर फीडबैक सेल का गठन किया जायेगा जिसके द्वारा सिटीजन चार्टर में दी गई सुविधाओं जैसे पासपोर्ट सत्यापन या कोई भी सत्यापन, एफआईआर, पोस्टमार्टम आदि के संबंध में जनता से फीडबैक लिया जायेगा। जो फीडबैक लिया जायेगा उसकी रिकार्डिंग भी की जायेगी।

पुलिस व्यवस्था का विकेन्द्रीकरण (डी सेंट्रलाइजेशन)
पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गोड ने स्पष्ट किया कि कमिश्नरेट एक पुलिस विकेंद्रीकरण (डी सेंट्रलाइजेशन) व्यवस्था है। इसके तहत पूरी कमिश्नरेट एक प्रकार से तीन जिलों में विभाजित है नगर जोन, ट्रांस हिंडन एवं ग्रामीण जोन। तीनों डीसीपी अपने अपने क्षेत्र के एसएसपी की भांति है। इनके ऊपर अपर पुलिस आयुक्त (एडिशनल सीपी) और फिर पुलिस कमिश्नर है। यदि नीचे के स्तर पर कुछ गड़बड़ होगी तो उनसे ऊपर वाले देखेंगे।
इस मौके पर एडिशनल सीपी कल्पना सक्सैना, आलोक प्रियदर्शी, डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल, डीसीपी नगर राजेश कुमार, डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्र नाथ तिवारी, एडिशनल डीसीपी सच्चिदानंद, पीयूष सिंह, एसीपी लिपि नागायच, प्रिया श्रीपाल समेत अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।