Dainik Athah

महाकुम्भ मेले में एनसीआर के डॉक्टरों ने दी 3 लाख श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा

महाकुम्भ के दौरान एनसीआर ने स्टेशनों पर बनाए थे पीएचसी और आब्जर्वेशन रूम

उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने महाकुम्भ में किया 3 लाख यात्रियों का इलाज

महाकुम्भ मेले में एनसीआर के चिकित्सकों ने रखा श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान



अथाह संवाददाता
प्रयागराज।
प्रयागराज में सनातन आस्था के महापर्व, महाकुम्भ 2025 का प्रधानमंत्री के विजन और सीएम योगी के मार्गदर्शन में दिव्य भव्य आयोजन हुआ। 45 दिन के इस भव्य आयोजन में जहां एक ओर प्रयागराज रेल मण्डल और उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) ने 17730 ट्रेनों का संचालन कर लगभग 4.8 करोड़ लोगों को उनके गंतव्य स्टेशनों तक पहुंचाया तो वहीं दूसरी ओर एनसीआर के चिकित्सा विभाग ने रेलवे स्टेशनों पर आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा कर लगभग 3 लाख से अधिक लोगों को स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान किया। महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की चिकित्सकीय सुविधा के लिए स्टेशनों पर आब्जर्वेशन रूम और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र बनाये गये थे। जहां रेलवे के विशेषज्ञ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ ने श्रद्धालुओं को जरूरी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई।  

रेलवे के 220 विशेषज्ञ डॉक्टरों और 170 मेडिकल स्टॉफ ने दी नियमित सेवाएं
महाकुम्भ मेले के दौरान श्रद्धालुओं को रेलवे स्टेशनों पर जरूरी चिकित्सकीय सुविधा देने के लिए 30 प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और 4 आब्जरवेशन रूम बनाये गये थे। जहां रेलवे के लगभग 220 डॉक्टरों और 170 पैरामेडिकल स्टॉफ ने नियमित सेवाएं दी। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस एम शर्मा, अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आशीष अग्रवाल और मंडल चिकित्सा अधिकारी डॉ परवेज अहमद ने मॉनीटर करते हुए मेले के दौरान रेलवे की चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। महाकुम्भ के स्नान पर्वों पर रेलवे के डॉक्टरों ने लगभग 3 लाख यात्रियों को चिकत्सीय सहायता प्रदान की। जिनमें से लगभग 20,000 मरीजों को स्टेशनों पर बनी पीएचसी और आब्जर्वेशन रूम में जरूरी इलाज उपलब्ध कराया गया। जबकी 334 गंभीर मरीजों को रेलवे के केंद्रीय हॉस्पिटल रेफर करना – पड़ा।

सीपीआर और आक्सीजन दे कर बचाई गई कई गंभीर मरीजों की जान
एनसीआर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एस एम शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ के दौरान रेलवे के मेडिकल स्टॉफ ने यात्रियों को दिन-रात चिकित्सा सुविधा प्रदान की। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा समस्या अधिक भीड़ के कारण हृदय रोगियों, साइनस और ब्रॉन्काइटिस के मरीजों को हुई। कई गंभीर मरीजों की जान सीपीआर, नैब्युलाईजेशन और आक्सीजन देकर बचाई गई। इसके अलावा यात्रियों को तनाव और थकान के कारण भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा। जिन्हें जरूरी स्वास्थ्य लाभ और दवाईयां प्रदान की गईं। साथ ही स्टेशन पर नियमित साफ सफाई, सेनिटेशन, मच्छर रोधी दवाइयों का छिड़काव कर यात्रियों के हाईजीन का भी ध्यान रखा गया।
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