आजकल पाश्चात्य संस्कृति की चकाचौंध में हम अपनी संस्कृति की मूल धाराओं से कटते जा रहे हैं।जन्मदिन हो, शादी ,रिसेप्शन या अन्य शुभ अवसर पर आजकल केक काटने का प्रचलन बहुत हो गया है। कोई वाहन ले रहे हैं, मकान का गृह प्रवेश हो आदि अवसर पर सामान्य रूप से अधिकतर लोग विशेष कर युवा पीढ़ी और बच्चे केक काटना एक फैशन समझ बैठे हैं।भारतीय संस्कृति में कहीं भी केक काटने का अथवा दीपक बुझाने का कोई भी प्रावधान नहीं है। भारत संस्कृति जोड़ना और दीपक जलाने का संदेश देती है। सबसे पहले केक न काटने का एक महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं। 1. केक काटना किसी भी हिंदू शास्त्रों में वर्णित नहीं है ,केवल यह पाश्चात्य संस्कृति के देखा देखी हो रहा है। हमारी संस्कृति जोड़ने की संस्कृति है, काटने की नहीं। 2. भारतीय संस्कृति में दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। प्रत्येक घर में प्रातः काल पूजा के समय दीपक जलाया जाता है तो घर में पॉजिटिव एनर्जी आ जातीहै। 3. केक काटते समय बालक और युवा मोमबत्ती जलाते हैं और फूंक मार कर बुझा देते हैं। इससे दो हानियां हैं। जब केक के पास रखी मोमबत्तियां में मुंह से फूंक मारेंगे तो मुंह के अंदर के अपशिष्ट पदार्थ थूक आदि के कण उसके पर अवश्य पड़ेंगे। जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होते हैं। दूसरे जन्मदिन पर रंग बिरंगी चमकीली पन्नियों या कागज के छोटे-छोटे टुकड़े ऊपर से प्रेशर से उड़ाए जाते हैं ।इससे उनमें उपस्थित अपशिष्ट पदार्थ भी केक में पड़ जाते हैं जो खाने योग्य नहीं रहती।4. केक में प्रयोग होने वाले सोडियम बाई कार्बोनेट, टार्टरिक अम्ल, कार्बन डाइऑक्साइड आदि रासायनिक केमिकल केक को स्पंजी और स्वादिष्ट तो बना सकते हैं ,लेकिन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है । जो विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।5. अब एक प्रचलन और हो गया है। केक काटने के बाद आपस में मुंह पर या शरीर पर मल देते हैं, यह बहुत ही हानिकारक है। केक में प्रयुक्त रासायनिक केमिकल हमारी त्वचा व शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक सिद्ध हो सकते हैं। 6. हमारी संस्कृति में दीपक बुझाने का प्रावधान नहीं है जबकि दीपक जलाने का प्रावधान है। इसलिए जन्मदिन पर न तो केक काटे और ना ही दीपक बुझाएं।*जन्मदिन मनाने का भारतीय संस्कृति में प्रावधान इस प्रकार है*1. जिन व्यक्ति या बच्चों का जन्मदिन है, वह प्रातः काल शौच, स्नान आदि से निवृत होकर सबसे पहले भगवान के दर्शन करें अथवा घर के पास के मंदिर में जाएं, भगवान के दर्शन करें और प्रार्थना करें और उनको धन्यवाद दें कि ईश्वर आपने हमें एक साल और बड़ा कर दिया है ।उसके पश्चात माता-पिता के चरण छूकर आशीर्वाद लें। जन्मदिन के अवसर पर अपने घर में यज्ञ, हवन ,सुंदरकांड, हनुमान चालीसा आदि का भी आयोजन कर सकते हैं।2. शाम को केक के स्थान पर एक प्लेट या थाली को फूलों या अन्य सज्जा सामग्री से सजाएं।3. उसके बीचो-बीच घी का दीपक जलाएं ।जिनका जन्मदिन है, वह दीपक के पास खड़ा हो जाए दीपक को प्रणाम करें। और अपने इष्ट देव का धन्यवाद दें। उसके माता-पिता या बड़े उसको गले में पुष्प माला पहना दें और स्वस्ति मंत्रों या बधाई गीतों के माध्यम से उसके ऊपर पुष्प वर्षा करके अथवा चावलों द्वारा आशीर्वाद दें। उसके पश्चात मिष्ठान आदि जो भी उपलब्ध हो उसे खिलाएं और बच्चों आदि को बांटे। चॉकलेट ,टॉफी आदि की उपेक्षा करनी चाहिए। *जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिए कुछ वाक्य**जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई!*आपका जन्मदिन मंगलमय हो !*जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!*आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि हो !*आपका जीवन खुशियों से भरा हो !*आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!*आपका जीवन खुशियों और आनंद से भरपूर हो !4. पाश्चात्य अंधानुकरण के कारण कुछ लोग पिछले कुछ वर्षों से आधी रात को 12:00 के बाद ही जन्मदिन मनाते हैं। शास्त्रों के अनुसार आधी रात के बाद (अर्थात रात्रि के तृतीय प्रहर में) आसुरी प्रवृत्तियां प्रकृति में विराजमान रहती हैं, इसलिए नकारात्मक भाव रहता है ।उस समय जन्मदिन मनाना बहुत अशुभ होता है ।5. जन्मदिन सदैव सूर्योदय के साथ ही मनाएं।6.जन्मदिन के अवसर पर अपने आसपास गरीब व्यक्तियों को अथवा अनाथ आश्रम में जाकर उन्हें कुछ भोजन या उपहार दे सकते हैं।7. जन्मदिन के अलावा भी वैवाहिक वर्षगांठ या अन्य शुभ अवसरों पर केक काटना वर्जित करें।पंडित शिवकुमार शर्मा, ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु कंसलटेंट।
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