- नासिक कुम्भ 2027 की तैयारियों के लिए महाकुम्भ 2025 का अध्ययन करने पहुंची टीम
- महाकुम्भ मेला प्रशासन ने नासिक टीम के सामने प्रस्तुत किया अपनी तैयारियों का मॉडल
- इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर का किया निरीक्षण, आपातकालीन व्यवस्थाओं को भी समझा
अथाह संवाददाता
महाकुम्भ नगर। योगी सरकार द्वारा महाकुम्भ 2025 को लेकर किए गए कुशल प्रबंधन और नई पहलों सो समझने के लिए नासिक की एक उच्च स्तरीय टीम मंगलवार को महाकुम्भ नगर पहुंची। इस टीम ने महाकुम्भ 2025 के विभिन्न आयोजन स्थलों, घाटों, अखाड़ों और अन्य प्रमुख स्थानों का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। साथ ही, आंतरिक यातायात प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, स्वच्छता व्यवस्था और विभिन्न प्रशासनिक पहलुओं पर भी जानकारी प्राप्त की। नासिक की टीम बुधवार को विभिन्न विभागों के साथ बैठक कर महाकुम्भ के लिए की गई तैयारियों को भी समझेगी। उल्लेखनीय है कि 2027 में नासिक में कुम्भ का आयोजन होना है। ऐसे में नासिक की टीम यहां महाकुम्भ के कुशल प्रबंधन और अन्य व्यवस्थाओं का बारीकी से अवलोकन करने आई है, ताकि इन सभी व्यवस्थाओं को नासिक कुम्भ में भी लागू किया जा सके।
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महाकुम्भ की विस्तृत योजना पर दिया गया प्रस्तुतिकरण
महाकुम्भ के मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि नासिक की टीम दो दिवसीय दौरे पर महाकुम्भ आई है। मंगलवार को उन्होंने यहां त्रिवेणी संगम में स्नान और दर्शन करने के बाद मेला प्राधिकरण में प्रस्तुतिकरण देखा। इसके अलावा आईसीसीसी का भी भ्रमण किया, वहीं विभिन्न कॉरिडोर्स का भी अवलोकन किया। यहां से टीम डिजिटल एक्सीपीरिएंस सेंटर भी गई। टीम के अधिकारी बुधवार को भी विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर महाकुम्भ में उनकी कार्ययोजना को समझेंगे। नासिक टीम को महाकुम्भ 2025 के आयोजन की विस्तृत योजना पर प्रस्तुति दी गई। इस दौरान उन्होंने महाकुम्भ के आयोजन के हर पहलू पर चर्चा की, जिसमें यातायात प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था, पब्लिक हेल्थ और भक्तों को सुविधाएं प्रदान करने की योजनाएं शामिल थीं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रयागराज प्रशासन ने किस प्रकार से विभिन्न सेवाओं को जोड़ा है, जैसे कि डिजिटल कनेक्टिविटी, सूचना प्रबंधन और आपातकालीन व्यवस्थाएं। इस प्रस्तुति के बाद, नासिक टीम ने कई प्रमुख अधिकारियों से चर्चा की और अपने सवालों का समाधान प्राप्त किया।
महाकुम्भ की तरह भव्य होगा नासिक कुम्भ
20 सदस्यीय टीम का नेतृत्व डिवीजनल कमिश्नर डॉ. प्रवीन गेडाम ने किया। इसके अलावा टीम में विशेष पुलिस महानिरीक्षक दत्तात्रय कराले, जिलाधिकारी जलज शर्मा, नगर आयुक्त मनीषा खत्री और नासिक मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ माणिक गूर्सल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हैं। डॉ. प्रवीन गेडाम ने बताया कि नासिक में होने वाले कुम्भ मेला 2027 को हम महाकुम्भ 2025 की तरह भव्य बनाने जा रहे हैं। इसके लिए यहां की व्यवस्थाओं को देखने का निर्णय लिया। हमने यहां के आयोजन स्थलों, घाटों, और अखाड़ों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का विश्लेषण किया, ताकि नासिक में होने वाले कुम्भ मेला के लिए बेहतर तैयारियां की जा सकें। हमने महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या, यातायात व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी जानकारी प्राप्त की। यह अध्ययन नासिक प्रशासन को आगामी कुम्भ मेला के लिए एक ठोस योजना बनाने में मदद करेगा।
महाकुम्भ में उपयोग की गई तकनीक को समझा
नासिक टीम ने प्रयागराज के इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर का दौरा भी किया, जो महाकुम्भ के दौरान पूरे शहर की निगरानी करता है। इस सेंटर में 2,700 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो हर गतिविधि पर नजर रखते हैं। सेंटर में पुलिस, प्रशासन, अग्निशमन सेवा और आपातकालीन प्रबंधन के अधिकारी मौजूद रहते हैं। टीम ने यह भी जाना कि इस सेंटर में अन्य विभागों जैसे रेलवे, दूरसंचार, आपदा प्रबंधन और बीएसएफ के अधिकारी भी तैनात हैं, जो विभिन्न सेवाओं के समन्वय में मदद करते हैं। इस प्रकार की व्यवस्था नासिक के लिए प्रेरणा का काम करेगी, जिससे वहां भी बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके। नासिक टीम ने प्रयागराज में चल रही ‘डिजिटल महाकुम्भ’ पहल का भी निरीक्षण किया, जो महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं को जानकारी और मदद प्रदान करता है। इस पहल के तहत, भक्तों को आवश्यक सूचना, मार्गदर्शन और सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जिससे उनके अनुभव को और बेहतर बनाया जा सके। इसके अलावा, टीम ने 50 लाइनों वाले टेलीफोन कॉल सेंटर का निरीक्षण भी किया, जो नागरिकों की समस्याओं का समाधान करता है, जैसे लापता परिवार के सदस्य, सामान्य शिकायतें और अन्य सहायता। इस कॉल सेंटर से नागरिकों को तत्काल सहायता मिलती है, और यह सेवा महाकुंभ के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।