Dainik Athah

Rajnath Singh ने BRO द्वारा निर्मित 44 पुलों को किया राष्‍ट्र को समर्पित

श्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने अरुणाचल प्रदेश में नेचिपु सुरंग की आधारशिला रखी

अथाह संवादाता, नई दिल्ली। पश्चिमी, उत्तरी और उत्तर-पूर्वी सीमाओं के करीब संवेदनशील क्षेत्रों में सड़कों और पुलों की कनेक्टिविटी में एक नए युग में शुरुआत करते हुए, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने आज 44 प्रमुख स्थायी पुलों को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में नेचिपु सुरंग के लिए आधारशिला भी रखी।

ये पुल रणनीतिक महत्व के हैं और दूरदराज के क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं। ये 44 पुल सात राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत, चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ जनरल एम एम नरवाना और रक्षा सचिव श्री अजय कुमार की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समर्पण समारोह नई दिल्ली में आयोजित किया गया।

केंद्रीय मंत्री श्री किरेन रिजिजू, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, सिक्किम और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, माननीय संसद सदस्यों, नागरिक/सैन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ विभिन्न स्थलों पर संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की जनता ने एक वीडियो लिंक के माध्यम से भाग लिया।

अपने संबोधन में, रक्षा मंत्री ने महानिदेशक और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के सभी रैंकों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी और कहा कि एक ही बार में 44 पुलों का समर्पण एक रिकॉर्ड है।

श्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि कोविड​​-19 के चुनौतीपूर्ण समय में और पाकिस्तान और चीन द्वारा सीमा तनाव और विवादों के बावजूद, देश न केवल उनका सामना कर रहा है, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में विकास के सभी क्षेत्रों में ऐतिहासिक बदलाव ला रहा है।

सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में अपनी भूमिका के लिए बीआरओ की सराहना करते हुए, श्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि इन पुलों ने पश्चिमी, उत्तरी और उत्तर-पूर्व क्षेत्रों के दूर-दराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार किया और स्थानीय लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया। उन्होंने कहा कि इनसे पूरे वर्ष सशस्त्र बलों के परिवहन और रसद संबंधी आवश्यकताएं भी पूरी होंगी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि सड़कें और पुल किसी भी राष्ट्र की जीवन-रेखा हैं और सुदूरवर्ती क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं की प्रगति की नियमित रूप से निगरानी की जा रही है और उनके समय पर निष्पादन के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बीआरओ का वार्षिक बजट वर्ष 2008-2016 के बीच 3,300 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,600 करोड़ रुपये हो गया। इतना ही नहीं, 2020-21 में यह धनराशि 11,000 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गई। कोविड-19 के बावजूद इस बजट में कोई कमी नहीं की गई।

रक्षा मंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार ने बीआरओ के इंजीनियरों और श्रमिकों को उच्च ऊंचाई वाले कपड़े के प्रावधान किए हैं।

श्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग की सड़क पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण नेचिपु सुरंग की आधारशिला भी रखी। यह 450 मीटर लंबी, दो लेनों वाली सुरंग नेचिपु पास में सभी मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में एक सुरक्षित मार्ग प्रदान करेगी।

बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने गणमान्य व्यक्तियों संबांधित करते हुए कहा कि 30 मीटर से लेकर 484 मीटर तक के विभिन्न आकार के 44 पुल जम्मू-कश्मीर (10), लद्दाख (08), हिमाचल प्रदेश (02), पंजाब (04), उत्तराखंड (08), अरुणाचल प्रदेश (08) और सिक्किम (04) में स्थित हैं।

Rajnath Singh

वे सामरिक महत्व के हैं और सीमा क्षेत्रों में नागरिक और सैन्य यातायात की भारी आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, ये पुल सुदूर सीमा क्षेत्रों के समग्र आर्थिक विकास में योगदान करेंगे और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सशस्त्र बलों की शीघ्र तैनाती में भी सहायता करेंगे।

उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में तेजी लाने के अलावा, बीआरओ ने पिछले साल 28 प्रमुख पुलों को पूरा करके पुलों के निर्माण पर विशेष जोर दिया है, जबकि इस वर्ष 102 प्रमुख पुलों का निर्माण पूरा किया जा रहा है।

इनमें से 54 पुल पहले ही पूरे हो चुके हैं। सशस्त्र बलों और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों की तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बीआरओ द्वारा 60 से अधिक बेली पुलों का भी निर्माण किया गया है।

बीआरओ ने रणनीतिक महत्व के कार्यों जैसे कि प्रमुख पुल और सड़क, अटल सुरंग रोहतांग, सेला सुरंग आदि के निर्माण और सामरिक पर्वतीय मार्ग के उद्घाटन के लिए स्नो क्लीयरेंस के साथ कोविड​​-19 महामारी संबंधी प्रतिबंधों के दौरान भी लगातार काम किया है।

अभूतपूर्व बर्फबारी के बावजूद 60 साल के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए, सभी रणनीतिक पास और सड़कों को उनकी औसत वार्षिक उद्घाटन की तारीखों से लगभग एक महीने पहले यातायात के लिए मंजूरी दे दी गई थी। इसने सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को राहत पहुंचाई और सैनिकों और रसद की  तेजी से आवाजाही को सुनिश्चित किया।

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