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वायु सेना दिवस:- बन खतरा कोई आये अगर, छाये नभ पर काल समान…

वायु सेना ने 88 वें स्थापना दिवस पर नभ: स्पृशं दीप्तम को किया साकार

अशोक ओझा
हिंडन एयर फील्ड (गाजियाबाद)।

देश पुकारे जब सबको, दु:ख सुख बांटे एक समान।
नीली वर्दी वालों का दल, बढ़ता आगे सीना तान।।
वायु सेना की ये शान, पीछे हो या करें कमान।
बन खतरा कोई आये अगर, छायें नभ पर काल समान।।


वायु सेना का यह गीत भारतीय वायु सेना के जांबाज जवानों पर खरा उतरता है। वायु सेना के स्थापना दिवस पर भारतीय वायु सेना ने नीले आकाश में दुश्मनों को यह बता दिया कि वह भारत की तरफ आंख उठाने की जुर्रत न करें।

गुरुवार को भारतीय वायु सेना का 88 वां स्थापना दिवस हिंडन स्थित वायु सेना अड्डे पर मनाया गया। इस दौरान देशी विदेशी राजनयिकों के साथ ही चीफ आॅफर डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल विपिन रावत, वायु सेनाध्यक्ष आरकेएस भदौरिया, नौ सेना प्रमुख एडमिरल कर्मवीर सिंह एवं थल सेनाध्यक्ष जनरल मुकुंद नरवाने की मौजूदगी में भारतीय वायु सेना ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। इस दौरान मिग से लेकर राफेल समेत 56 विमानों ने आकाश में गर्जना कर दुश्मनों को चेताने का काम किया। इनमें मुख्य रूप से एमआई 17, चिनूक, एमआई 35, अपाचे, हरक्यूलिस सी 130, सी 17, मिग 29, सुखोई 30, राफेल, जगुआर, मिराज 2000, तेजस, डकोटा, ड्रोनिअर, टाईगर मॉथ, सूर्य किरण टीम एवं सारंग हैलीकाप्टर टीम ने अपने करतब दिखाये।
वायु सेना स्थापना दिवस का प्रारंभ गुरुवार को सुबह ठीक आठ बजे हुआ जब हाथों में तिरंगा एवं वायु सेना का ध्वज लिए आकाश गंगा टीम के पैराजंपर ने आठ हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई। इस मनमोहक दृष्य को देखने के लिए कोरोना काल में भी एक हजार से ज्यादा लोग मौजूद थे जिन्होंने तालियां बजाकर पैराजंपर का उत्साह वर्धन किया। इसके बाद एमआई 17 विमानों ने मंच के सामने से उड़ान भरी। इतना ही दो चिनूक हैलीकाप्टर दांई तरफ से आये जिनमें से एक कंटेनर लेकर आ रहा था तथा दूसरा फील्ड गन के साथ चल रहा था।

तेजस व राफेल ने किया सांसे रोकदेने वाला प्रदर्शन
समारोह में तेजस एवं राफेल विमानों ने हवा में सांस तक रोक देने वाले प्रदर्शन किये। इस दौरान दर्शकों ने तालियों के साथ वायु सेना के जांबाजों का उत्साह वर्धन किया। दोनों ही लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे। दोनों ने हवा में कालाबाजियां खाने के साथ ही आकाश में नृत्य भी किया। इनके साथ ही जगुआर, मिराज, ड्रोनियर, टाईगर मॉथ ने भी प्रदर्शन किया।

सारंग ने किया हवा में नृत्य
सारंग टीम के हैलीकाप्टर की टीम ने आकाश में जहां नृत्य किया, वहीं उनकी आकाश में क्रासिंग के दौरान लोगों की नजरें नहीं हटी। सभी के मुंह से बस एक ही शब्द निकल रहा था वाह..। यह करतब लंबे समय तक चला।

सूर्य किरण ने आसमान में बनाया 88
सूर्य किरण टीम ने जहां जोरदार प्रदर्शन किया, वहीं इस टीम के जहाजों ने आसमान में धुंए से 88 बनाकर जब बताया कि यह 88 वां स्थापना दिवस है तो सभी ने तालियां बजाकर टीम का स्वागत किया।

इससे पूर्व एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने परेड की सलामी ली एवं परेड का निरीक्षण करने के साथ ही जवानों को मैडल देकर सम्मानित किया। सीडीएस विपिन रावत, नेवल चीफ, थल सेनाध्यक्ष ने भी सलामी ली। चारों ने सुबह दिल्ली में अमर जवान ज्योति पर पुष्प चक्र के द्वारा शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।

हमें विश्व की सर्वश्रेष्ठ वायु सेना बनना है: भदौरिया
भारतीय वायु सेना प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में देश और वायुसेना के सामने साइबर और ड्रोन थ्रेट जैसी कई चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों से लड़ते हुए हमें आगे बढ़ना है और विश्व की सर्वश्रेष्ठ वायुसेना बनना है।

दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम

उन्होंने कहा शांति हमारी संस्कृति में है और हम इसे बनाये रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। लद्दाख में एलएसी पर जारी तनाव के बीच वायुसेना प्रमुख ने चीन को संदेश देते हुए कहा कि वायुसेना ने कोविड काल के दोस्त पड़ोसियों को हर संभव मदद दी है। वायुसेना के परिवहन विमानों ने फंसे हुए विदेशियों को उनके घरों तक सुरक्षित तो पहुंचाया ही है। साथ ही दोस्त पड़ोसियों को राहत सामग्री और अन्य मदद भी दी है. लेकिन इसके साथ वायुसेना दुश्मनों को भी मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। हाल ही में वायुसेना में शामिल राफेल विमान व चिनूक और अपाचे हेलिकॉप्टरों ने नई ताकत दी है।

भारत को नीली वर्दी वालों पर है गर्व: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना दिवस पर कहा, ‘वायुसेना दिवस-2020 के अवसर पर वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को मेरी शुभकामनाएं। अस्सी सालों के समर्पण, त्याग और उत्कृष्टता ने भारतीय वायुसेना की यात्रा को चिह्नित किया है जो आज एक घातक और दुर्जेय बल है। राष्ट्र को नीली जर्सी वाले अपने पुरुषों और महिलाओं पर गर्व है और भारतीय वायुसेना की प्रगति को सलाम करता है क्योंकि यह चुनौतियों का सामना करने और प्रतिकूल परिस्थितियों के लिए हमेशा तैयार रहता है। हम आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण के माध्यम से भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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