Dainik Athah

मंथन: पुलिस का स्वागत- विदाई करने वाले कहां खो गये

पालन

गाजियाबाद जिले में अपराधी पुलिस पर किस कदर हावी है इसका पता आये दिन हो रही घटनाओं से होता है। कभी डकैती, कभी बंधक बनाकर लूट और इसके बीच चोरियों की अनगिनत घटनाएं लगातार हो रही है। पुलिस असल अपराधियों को पकड़ने में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है। इतना अवश्य है कि पुलिस कला … कारी अवश्य कर रही है।

यहीं कारण है कि चोरों को पकड़कर पुलिस अब मुठभेड़ दिखा रही है तथा उनके पैरों में गोली मारकर वाह वाही लूटने की कोशिश कर रही है। इसके माध्यम से पुलिस यह साबित करने का प्रयास कर रही है कि वह अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। बढ़ते अपराधों के साथ ही उन कथित संगठनों की भी बात कर ली जाये जो अधिकारियों को जिले में तैनाती के समय एवं उनकी विदाई के समय फूलों का बड़ा सा गुलदस्ता लेकर पहुंच जाते हैं।

लेकिन व्यापारियों को गाजियाबाद में अपराधियों ने निशाने पर रखा हुआ है। इसके बावजूद आम नागरिकों एवं व्यापारियों की आवाज बनने वालों के गले या तो कोरोना के शिकार हो गये हैं अथवा वे कहीं दुबके हुए हैं कि उनसे जवाब तलब न हो जाये। जब भी कोई नया अधिकारी खासकर पुलिस अधिकारी जिले में आते हैं तो ये गिने चुने चेहरे फूलों का गुलदस्ता लेकर उन्हें अपना चेहरा दिखाने पहुंच जाते हैं। लेकिन ये लोग आम जनता की आवाज नहीं बन सकते। यह अब साबित हो चुका है। ऐसे लोगों का उनके समाज को बहिष्कार भी करना चाहिये।

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