जहां हमारा देश एक ओर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर सन्देश दे रहा है वहीँ दूसरी ओर देश की बेटियों के साथ हो रहे अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहे है। दिनों-दिन ये अपराध बढ़ते जा रहे है , क्यों सरकार बेटियों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही, क्यों इन अपराधों पर लगाम नहीं कस रही ?? जब बेटी अपने ही क्षेत्र में सुरक्षित महसूस नहीं करेगी तो उनका विकास कैसे होगा, कैसे वो देश सेवा के लिए अग्रसर होगी ??
निर्भया केस के बाद ऐसे ही जघन्य अपराध का एक मामला उत्तर प्रदेश के Hathras में सामने आया, जहां दरिंदो ने दुष्कर्म के बाद लड़की की जीभ काट दी, हड्डिया तोड़ी, यहां तक की उसे जान से मरने तक की कोशिश की।
अथाह ब्यूरो, हाथरस। दरिंदों की हैवानियत का शिकार होने के बाद बीते दो हफ्तों से जिंदगी और मौत के बीच झूल रही हाथरस (Hathras) की बेटी ने आज दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। पीड़िता 14 सितंबर को सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई थी। हैवानों ने उसकी जीभ काट दी थी, साथ ही रीड़ की हड्डी तोड़ दी थी।
बताया जा रहा है दरिंदगी की शिकार बच्ची एक हफ्ते तक बेहोश रही थी । सोमवार को हालत बिगड़ने के बाद उसे अलीगढ़ से सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था । आज बच्ची ने दम तोड़ दिया ।
काटी जीभ, की जान से मारने की कोशिश-
Hathras- मामला 14 सितंबर को उस वक्त का है जब युवती पशुओं का चारा लेने के लिए अपनी मां के साथ खेत पर गयी थी। गांव के ही चार दरिदों ने उसे एक खेत में खींचकर गैंग रेप किया और हमला करके उसे जान से मारने की कोशिश की। युवती गंभीर रूप से घायल हो गई।
वो किसी को कुछ न बताए इसलिए उसकी जीभ काट दी। आनन – फानन में उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। हालत बिगड़ता देख उसे सफदरजंग रेफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गई ।
युवती ने 15 दिनों तक जिंदगी और मौत से जंग लड़ी, लेकिन आखिरकार दिल्ली में दम तोड़ दिया। अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती युवती को हालत गंभीर होने के बाद सोमवार को ही दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था।
हाथरस (Hathras) की बेटी के साथ इस कृत्य के बाद मानवता शर्मसार है। सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी जुबान काटी गई और भयानक जख्म दिए गए थे।
इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वह भी पीड़िता के बयान के बाद, नहीं तो पुलिस को दरिंदों को बचाती रही। 14 सितंबर के इस कांड के बाद पुलिस को सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज करने में आठ दिन लगे थे।