- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने किया सीएम योगी के बयानों का समर्थन
- महाराष्टÑ में चुनाव प्रचार से पहले ही छाने लगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- भाजपा में एक बार फिर बढ़ा सीएम योगी का कद
अशोक ओझा
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं हिंदुत्व के घ्वजवाहक योगी आदित्यनाथ ने हरियाणा के विधानसभा चुनाव से पहले ही जब अपने बयान ‘बंटेंगे तो कटेंगे’के जरिये अपने आक्रामक तेवर दिखाये और हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान भी इसी नारे के जरिये चुनाव प्रचार किया तो वे विरोधी दलों के निशाने पर आ गये। इसके साथ ही भाजपा के अंदर भी उनके बयानों को लेकर चर्चा शुरू हुई। लेकिन अब जबकि भाजपा की मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने उनके बयानों का समर्थन कर दिया है तो योगी का कद भी संघ के साथ भाजपा में बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ बयान सबसे पहले जारी किया था उस समय उन्हें भी यह नहीं पता था कि उनके बयान का इतना असर होगा कि हरियाणा चुनाव में वे बाजी पलट देंगे। लेकिन हरियााण के मतदाओं ने उनके बयानों को हाथों हाथ लिया और भाजपा की झोली वोटों के साथ ही सीटों से भी भर दी। इसके बाद योगी के बयानों की चर्चा देश ही नहीं विदेशों में भी शुरू हो गई। अभी महाराष्टÑ और झारखंड में चुनाव प्रचार शुरू नहीं हुआ है, लेकिन इससे पहले ही पूरे महाराष्टÑ में योगी आदित्यनाथ के साथ ही उनके बयानों ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की चर्चा शुरू हो गई है।
हालत यह है कि भाजपा विरोधी दलों को भी डर हो गया है कि सीएम योगी का यह बयान हिंदू मतों को एकजुट कर सकता है। यहीं कारण है शिवसेना उद्धव के नेता संजय राऊत समेत कांग्रेस के नाना पटोले जैसे नेता योगी के बयानों को लेकर हमलावर हो रहे हैं। इससे योगी का कद महाराष्टÑ में भी बढ़ रहा है। अब जबकि मथुरा के परखम में आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के बाद संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने प्रेस कांफेंस में योगी आदित्यनाथ के बयानों का समर्थन किया और कहा कि हिंदुओं को तोड़ने के लिए अनेक शक्तियां काम कर रही है, लेकिन हिंदुओं को एकजुट होना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा हिंदुओं की एकजुटता राष्ट्रीय हित में है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगड़ों, पिछड़ों जाति और भाषा के आधार पर भेदभाव करेंगे तो हम बंटेंगे भी और कटेंगे भी।
संघ का यह संदेश भाजपा नेतृत्व को भी सीधा इशारा माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार भाजपा नेतृत्व उत्तर प्रदेश में योगी विरोधियों को आगे बढ़ाने का काम करता है, लेकिन अब जबकि संघ ने इशारा कर दिया है ऐसे में भाजपा नेतृत्व को भी एक बार फिर से सोचना पड़ेगा। अब योगी आदित्यनाथ इस मुद्दे पर और अधिक मुखर हो सकते हैं इसकी संभावना है।