मंथन: कोविड 19 नियमों की बात मैं समय समय पर उठाता रहा हूं कि नियमों का जिले में पालन सख्ती से नहीं करवाया जाता है। इसके साथ ही देश के अन्य राज्यों के उदाहरण भी देता रहा हूं। लेकिन नियमों का पालन कराने वाले अफसर एक बार आदेश देने के बाद भूल जाते हैं।
कोरोना काल में अब तो उच्च न्यायालय ने भी मास्क अनिवार्य करने को लेकर आदेश जारी कर दिया। इसके साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले में सख्ती करने के आदेश दिये हैं।
लेकिन जिले में स्थिति उलट है। जिले में वाहनों में सवार लोगों की जांच तो यातायात पुलिस हर चौराहे, तिराहे एवं मोड़ पर कर रही है। दिल्ली- मेरठ हाइवे पर ही करीब आधा दर्जन स्थानों पर यातायात नियमों का पालन न करने वालों के साथ ही वाहनों में सवार लोगों के मास्क न लगाने पर कार्रवाई हो रही है।
लेकिन सड़क पर चलते लोगों के ऊपर न तो उच्च न्यायालय के आदेश का कोई असर हो रहा है, न ही प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेशों का।
इस मामले में पुलिस के साथ ही नगर निगम, नगर पालिकाओं, शिक्षकों समेत अन्य विभाग के कर्मचारियों को भी जिम्मेदारी सौंपनी होगी। यदि नियमों का पालन जिले के जिम्मेदार अफसरों ने नहीं करवाया तो कोरोना संक्रमण की जो रफ्तार (आंकड़ों के अनुसार) 150 से 250 प्रतिदिन तक घूम रही है वह कई गुना हो सकती है।
हे जिम्मेदार अफसरान जिले के लोगों को संक्रमण एवं मौत से बचाने के लिए ही सही कुछ तो सख्ती करके दिखाओ। जिले के निवासी आपको दुआ ही देंगे इस नेक कार्य के लिए।