शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद के आचार्य पंडित शिवकुमार शर्मा के अनुसार इस वर्ष अहोई अष्टमी कार्तिक कृष्ण अष्टमी 24 अक्टूबर को दिन गुरुवार को मनाई जाएगी ।इस दिन अष्टमी तिथि पूरे समय रहेगी और पुष्य नक्षत्र भी 24 घंटा रहेगा। यह बहुत अच्छा योग है।माताएं अपने पुत्र संतान के स्वास्थ्य व लम्बी आयु के लिए अहोई माता का व्रत रखती हैं इस दिन का व्रत निराहार रहा जाता है। शाम को पुत्रवती महिलाएं अहोई माता की पूजा करती है पूजा में पकवान युक्त भोजन बनाकर पूजा करती हैं।और अपने घर की बड़ी बुजुर्ग महिलाओं को बायने के रुप में देकर आशीर्वाद लेती हैं ।वैसे तो उस दिन महिलाएं शाम को प्रदोष काल में तारों को देखकर के व्रत का पारायण करती हैं ।लेकिन कुछ महिलाएं चंद्रमा उदय के बाद ही इस व्रत का परायण करती हैं। इस दिन चंद्रमा रात्रि 11 कर 57 मिनट पर उदय हो जाएगा।
गुरु पुष्य योग में खरीददारी करना होता है बहुत शुभ
बृहस्पतिवार को पुष्य नक्षत्र के कारण अहोई अष्टमी का महत्व बढ़ गया है। इससे इस व्रत के प्रभाव वृद्धि होगी। संतान दीर्घायु आज्ञाकारी होगी। दूसरे इस दिन गुरु पुष्य अमृत योग में धनतेरस की तरह ही उत्सव मनाया जाएगा ।इस सुबह गुरुपुष्यामृत योग में सोना ,चांदी, सिक्के, मूर्ति, धातु का सामान खरीदना बहुत शुभ होता है। और साथ में ही भूमि ,भवन, प्रॉपर्टी का खरीदना बेचना ,गृह प्रवेश आदि बहुत शुभ मुहूर्त होते हैं। वैवाहिक कार्यक्रम को छोड़कर अन्य सभी शुभ कार्यक्रम इस दिन हो सकते हैं। कोई भी संस्कार,धार्मिक आयोजन,मंत्र सिद्धि,रत्न धारण इस दिन उत्तम माने गए हैं ।कहते हैं गुरु पुष्यामृत योग में खरीदी हुई धातुओं एवं वस्तुओं का क्षय नहीं होता है। वह बहुत लंबे समय तक टिकी रहती हैं ।
पंडित शिवकुमार शर्मा, ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु कंस्लटैंट ,गाजियाबाद