- उप चुनाव में इंडिया गठबंधन में खींचतान
- सपा के बड़े नेता का दावा मंगलवार तक स्थिति हो जायेगी स्पष्ट
- गठबंधन में रार का भाजपा को मिल सकता है लाभ
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में हो रहे उप चुनावों के दौरान जिस प्रकार इंडिया गठबंधन के दो प्रमुख दलों कांग्रेस व सपा के बीच मतभेद उभरकर सामने आये हैं उसने दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के साथ ही कांग्रेस टिकट के दावेदारों को बेचैन कर दिया है। माना जा रहा है कि स्थिति मंगलवार तक स्पष्ट हो जायेगी। हालांकि यह भी चर्चा है कि सपा नेता एवं बागपत से लोकसभा चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक को लाभ पहुंचाने के लिए कांग्रेस ने चुनाव न लड़ने का पासा फैंका है।
बता दें कि प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं। इनमें से सपा ने गाजियाबाद शहर के साथ ही अलीगढ़ की खैर सीटों को कांग्रेस के लिए छोड़ा है। कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि सपा ने उन सीटों को कांग्रेस के लिए छोड़ा जहां पर जीत की संभावना क्षीण है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने अपने आला नेतृत्व को सलाह दी है कि वह किसी भी सीट पर उप चुनाव न लड़ें और सपा को समर्थन दें। कल तक इस सलाह को सभी किनारे कर रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस के स्थानीय नेताओं में बेचैनी व्याप्त हो गई है। कांग्रेस टिकट के प्रमुख दावेदार पार्टी के प्रदेश नेतृत्व की इस सलाह को उचित नहीं मान रहे, लेकिन खुलकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस में गाजियाबाद में कई गुट मौजूद है। पिछले दिनों गाजियाबाद आगमन पर उनके नजदीकी लोग जो कि टिकट के प्रमुख दावेदार के विरोधी है ने ही यह सलाह दी कि हम गाजियाबाद सीट जीत नहीं सकते, ऐसी स्थिति में सीट का सपा के लिए छोड़ देना ही उचित होगा। सूत्रों की मानें तो इस गुट के नेताओं की पहुंच भी राष्टÑीय नेतृत्व तक है जिसका उप चुनाव में दूसरे गुट को पटखनी देने के लिए लाभ उठाया जा रहा है। इस गुट के नेता किसी भी हालत में अपने किसी विरोधी को आगे बढ़ाने के खिलाफ है।
इसके साथ ही दोनों दलों में उप चुनाव को लेकर उठा पटक से दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं में बेचैनी है। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि वे आखिर करें तो क्या। सूत्र बताते हैं कि जिस प्रकार कांग्रेस का एक खेमा सीट को छोड़ने की बात कर रहा है उससे साहिबाबाद के पूर्व विधायक के सपा से चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो जाता है। पिछले लोकसभा चुनाव में पूर्व विधायक ने बागपत से और इस गुट की नेता ने गाजियाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा था। दोनों ने इस दौरान आपसी तालमेल भी दिखाया था। इस दौरान पूर्व विधायक ने गाजियाबाद और गाजियाबाद प्रत्याशी ने बागपत क्षेत्र में उनकी मदद की थी।
इस मामले में सपा के राष्टÑीय सचिव एवं मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी से दैनिक अथाह ने बात की तो उन्होंने कहा कि मंगलवार को शाम तक स्थिति स्पष्ट हो जायेगी। इस मामले में कोई भी निर्णय सपा प्रमुख अखिलेश यादव एवं कांग्रेस नेतृत्व लेगा। अब उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार तक स्थिति स्पष्ट हो जायेगी।
भाजपा प्रत्याशी की घोषणा मंगलवार को होने की उम्मीद
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। केंद्र व प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी प्रत्याशी की घोषणा में हो रही देरी को लेकर बेचैनी बढ़ रही है। भाजपा में सोमवार को पूरे दिन शह और मात का खेल दावेदारों के बीच चलता रहा। इसके साथ ही कुछ दावेदारों एवं उनके समर्थकों की सोशल मीडिया पोस्ट की चर्चाएं दिल्ली तक पहुंच गई है।
भाजपा सूत्रों की मानें तो मंगलवार को देर शाम तक भाजपा के गाजियाबाद समेत सभी नौ सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा हो सकती है। इस समय सभी प्रदेश अध्यक्ष एवं संगठन महामंत्री दिल्ली में है। इस कारण माना जा रहा है कि पहले से तैयार सूची पर एक बार और मंथन करने के बाद पार्टी नेतृत्व प्रत्याशियों की घोषणा कर सकता है।