Dainik Athah

स्वच्छ वातावरण में होता है ईश्वर का वास, बढ़ती है सुख-समृद्धि: एके शर्मा

  • निकायों में चल रहा 155 घंटे का नॉन-स्टॉप महासफाई अभियान
  • आस्था और विश्वास के साथ त्योहारों को स्वच्छता का भी प्रतीक बनाना है
  • गार्बेज वाल्नरेबल प्वाइंट्स (जीवीपी) को विलोपित कर बनायें स्वच्छ-सुन्दर स्थल
  • ‘स्वच्छ त्यौहार-स्वस्थ परम्परा’ की अवधारणा को करें साकार
  • स्वच्छता अभियान के पांचवें दिन हेरिटेज प्लेस, नदी घाटों, धार्मिक स्थलों व चौराहों पर चला विशेष सफाई अभियान: एके शर्मा

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
प्रदेश के नगरों को स्वच्छ, सुन्दर और वैश्विक स्तर का बनाने के लिए सभी नगरीय निकायों में 155 घंटे का नॉन-स्टॉप महासफाई अभियान 26 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक चलाया जा रहा है। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए निकाय स्तर के सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी गार्बेज वल्नरेबल पॉइंट्स (जीवीपी) तथा ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर ऐसे स्थानों को स्वच्छ बनाकर सुन्दर स्थान में परिवर्तित करें। निकायों के ऐसे स्थान जहां कूड़ा पड़ता हैं, उसे साफ कर सुंदर बनाया जाये। ऐसे स्थल दोबारा कूड़ा स्थल में परिवर्तित न हों, इसके लिए उन स्थानों पर बच्चों के खेलने का पार्क, ओपन जिम, वेंडिंग जोन, बुजुर्गों के बैठने के स्थान आदि बनाया जाए। उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारों को स्वच्छता का प्रतीक बनाने के लिए निकायों व गंगा टाउन व नदी घाटों, धार्मिक स्थलों, नगर के मुख्य मार्गों, चौराहों व हेरिटेज स्थलों पर विशेष सफाई अभियान चलाकर उन्हें स्वच्छ और सुन्दर बनाया जाये। निकायों में स्थापित वेस्ट-टू-वंडर पार्को में भी साफ-सफाई कर सुन्दर बनाने का निरंतर प्रयास किया जाये।

नगर विकास मंत्री ने निकायों में चल रहे 155 घंटे का नॉन-स्टॉप महासफाई अभियान के पांचवें दिन सोमवार को निकायों में स्थित ऐतिहासिक स्थलों, धार्मिक स्थलों, चौराहों और नदी घाटों की साफ-सफाई और सुंदरीकरण कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्य मार्ग और चौराहे नगर का आईना होते हैं। दूसरे जिलों और राज्यों से आने वाले लोग चौराहे और मुख्य मार्ग से ही शहर की स्थिति का आंकलन कर लेते हैं। ऐसे से हमें मुख्य मार्गों और चौराहों को विशेष रूप से स्वच्छ और सुन्दर बनाना है। इससे लोगों के स्वभाव और संस्कार में स्वच्छता की भावना स्थापित होगी, जिससे वे कचरे को कहीं भी फेंकने से परहेज करते हैं। उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारों को देखते हुए हमें नगरों के ऐतिहासिक स्थलों, धार्मिक स्थलों और घाटों पर भी सफाई और सुंदरता का विशेष ध्यान रखना है।

मंत्री शर्मा ने कहा कि स्वच्छ वातावरण में ही ईश्वर का वास होता है और सुख-समृद्धि भी बढ़ती है। दुनिया के समृद्ध देशों को देखें तो वहां साफ-सफाई, स्वच्छता का विशेष ख्याल रखा जाता है। वहां के नागरिक स्वच्छता के प्रति बहुत ही गम्भीर और जिम्मेदार होते हैं। उन्होंने आगामी त्योहारों नवरात्रि, दशहरा, दीपावली, छठ पूजा को ‘स्वच्छ त्योहार, स्वस्थ त्योहार’ के रूप में मनाने का आह्वान किया और सभी निकाय कार्मिकों को स्वच्छता को निरन्तर बनाये रखने के निर्देश दिए। उनके निर्देश पर अभियान के 5वें दिन सभी निकायों में स्वच्छ विरासत (हैरिटेज प्लेस), धार्मिक स्थलों व घाटों के आसपास के क्षेत्रों की सफाई करायी गयी। कामिंर्कों द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करने और उसके विकल्पों के बारे में जागरूक किया गया। धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों के आसपास के शौचालयों की सफाई कर येलो स्पॉट्स से मुक्त कराया गया। कार्यक्रम अंतर्गत स्वयं सेवी संस्थान, युवाओं, कॉलेजों, कला क्लबों, सामुदायिक संगठनों के साथ जुड़ाव, विरासत स्थलों और आस-पास के क्षेत्रों और इसकी परिधि की सफाई, प्लास्टिक निषेध क्षेत्र की स्थापना, सौंदर्यीकरण एवं स्वच्छता से संबंधित वाल पेंटिंग, नागरिकों की सहभागिता व घाट सौंदर्यीकरण का कार्य कराया गया। सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों के अधिकारियों और कर्मचारियों को सड़कों और गलियों, धार्मिक स्थलों, मठों, मंदिरों व नदी घाटों के आसपास के क्षेत्रों की सफाई सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए।

मंत्री ने स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत करने के निर्देश दिए हैं ताकि त्योहारों के दौरान श्रद्धालुओं को अंधेरे के कारण आवागमन में परेशानी न हो। स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति में बाधा नहीं आनी चाहिए और श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए प्रसाद और कूड़े का उचित निपटान भी सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को प्रसाद और कूड़ा-कचरा इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए तथा पूजा स्थलों के आसपास कूड़ेदान रखना चाहिए। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लेकर स्वच्छ और स्वस्थ त्योहार मनाने के लिए जागरूक करना चाहिए।
अभियान के 5वें दिन 1185 ऐतिहासिक स्थलों (हेरिटेज प्लेस), 2478 धार्मिक स्थलों, 311 नदी घाटों, 513 वाटर बॉडीज, 1605 चौराहों को 17443 कार्मिकों के माध्यम से स्वच्छ और सुन्दर बनाया गया। स्वच्छता के जन आंदोलन में 25 हजार से अधिक लोगों ने जनसहभागिता की, जिसके परिणाम स्वरूप 33,807 किलोग्राम कूड़ा एकत्रित कर निस्तारित किया गया। वेस्ट-टू-वंडर पार्कों की सफाई और सुंदरता पर भी विशेष ध्यान दिया गया। इस दौरान प्रदेश की निकायों के 836 वेस्ट-टू-वंडर पार्कां में 1128 सीटीयू को चिन्हित किया गया। वहीं 28652 किलोग्राम कूड़ा भी एकत्रित कर निस्तारित किया गया। जिसमें 10156 कार्मिकों के साथ 13158 लोगों ने प्रतिभाग किया। साथ ही 1377 वेस्ट-टू-आर्ट को भी इन स्थानों पर स्थापित किया गया।


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