- मुख्यमंत्री ने विश्व पर्यटन दिवस पर दी शुभकामनाएं
- कहा, भारत की आध्यात्मिक और धार्मिक परंपरा का हृदय स्थल है उत्तर प्रदेश
- गत वर्ष 46 करोड़ से अधिक पर्यटकों को अपनी ओर लुभाने में सफल हुआ यूपी
- उत्तर प्रदेश धार्मिक, आध्यात्मिक, हेरिटेज और ईको टूरिज्म का हब
- पर्यटन से रोजगार सृजन में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है उत्तर प्रदेश
- काशी, अयोध्या, मथुरा, कुशीनगर, प्रयागराज जैसे धार्मिक पर्यटन स्थल यूपी के पास
- झांसी, आगरा, कालिंजर, चुनार, फतेहपुर सीकरी, रामनगर और इमामबाड़ा हेरिटेज टूरिज्म की बेहतरीन मिसालें
- महाकुंभ 2025 में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व पर्यटन दिवस पर प्रदेशवासियों को अपनी शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आज देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर लुभा रहा है। बीते साल 46 करोड़ से अधिक पर्यटक उत्तर प्रदेश आए। यूपी धार्मिक, आध्यात्मिक, हेरिटेज और ईको टूरिज्म का हब बन चुका है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगले साल मकर संक्रांति से 26 फरवरी तक प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ 2025 के दौरान 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आएंगे। सीएम योगी शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बात कर रहे थे।
विरासत और विकास का बेहतरीन समन्वय है पर्यटन
उन्होंने कहा कि भारत की आध्यात्मिक और धार्मिक परंपरा का हृदय स्थल उत्तर प्रदेश आज देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर के पर्यटकों को लुभाने में सफल हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजनरी नेतृत्व में गत वर्ष यूपी में 46 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने यूपी के अलग अलग धार्मिक आध्यात्मिक, ईको टूरिज्म या हेरिटेज टूरिज्म के साइट्स का भ्रमण किया है। ये पर्यटक यूपी के अंदर केवल पर्यटन की दृष्टि से नहीं आते बल्कि रोजगार सृजन में भी इनकी बड़ी भूमिका है। पर्यटन गतिविधियां विरासत और विकास के बेहतरीन समन्वय को आगे बढ़ाने का काम करती हैं। स्पिरिच्युअल टूरिज्म की दृष्टि से देखें तो रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट, जैन सर्किट आदि हमारे पास हैं। आज काशी में बाबा विश्वनाथ धाम करोड़ों पयर्टकों को आकर्षित कर रहे हैं। अयोध्या, वृंदावन, गोकुल, बरसाना ने दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित किया है।
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन
उन्होंने बताया कि बौद्ध पर्यटन की दृष्टि से सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, कौशाम्बी, संकिसा दुनिया भर के बौद्ध श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है। वहीं जैन टूरिज्म की दृष्टि से यूपी में अनेक संभावनाएं हैं। अयोध्या जैन तीर्थंकरों की जन्मस्थली है, काशी की पावन धरा पर अनेक जैन तीर्थंकर अवतरित हुए थे। कुशीनगर की पावा नगरी जैन तीर्थंकरों की पावन धरा के रूप में आज भी हमारे लिए पूज्य बनी हुई है। विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन प्रयागराज कुंभ दुनियाभर के श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। ऐसे ही हेरिटेज टूरिज्म की दृष्टि से देखें तो झांसी में लक्ष्मीबाई का किला, बांदा में कालिंजर का किला, आगरा का लालकिला और रेड फोर्ट, फतेहपुर सीकरी, प्रयागराज का किला, रामनगर वाराणसी का किला, मिजार्पुर में चुनार किला और लखनऊ का इमामबाड़ा के रूप में एक लंबी परंपरा है। ईको टूरिज्म का तो यूपी हब ही है। चाहे दुधवा हो, चूका हो, कतर्नियाघाट, हस्थिनापुर, सूर्य सरोवर, सोनभद्र का सलखन, ओखला बर्ड सेंचुरी हो।
सरकार पर्यटकों की सुविधा और रुचि के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार पर्यटकों की सुविधा और रुचि के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। आज यूपी अपनी बेहतरीन कनेक्टिविटी के लिए जाना जाता है। रोड, रेल, वाटर और एयर कनेक्टिविटी हमारे पास मौजूद है। आज हम विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर झांसी में समारोह से जुड़ रहे हैं, तो वहीं 2025 में मकर संक्रांति से लेकर 26 फरवरी तक प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ में भी दुनियाभर के 40 करोड़ श्रद्धालु भाग लेकर यूपी की इस अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के प्रति पूरे विश्व को आकर्षित करेंगे। सीएम योगी ने विश्वास व्यक्त किया कि पीएम मोदी के विजन के अनुरूप देश और दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करने और यूपी को एक बेहतरीन टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार कामयाब होगी।