Dainik Athah

मंदिरों पर कब्जा करने की नीयत से महेश गिरि भावनाथ मंदिर के श्रीमहंत हरि गिरि महाराज पर झूठे आरोप लगा रहे हैं

डासना के शिवशक्ति पीठ मंदिर में देश भर से आए संतों की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर श्रीमहंत हरि गिरि महाराज का साथ देने का निर्णय लिया गयाः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज

गाजियाबाद। डासना के शिवशक्ति पीठ मंदिर में देश भर से आए संतों की बैठक हुई। बैठक में
गिरनार मंडल जूना अखाडा, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा, दिल्ली संत महामंडल समेत विभिन्न अखाडों से जुडे साधु-संतों ने कहा कि जूनागढ के भावनाथ मंदिर के महंत जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज हैं। महेश गिरि मंदिर पर कब्जा करने की नीयत से उन पर, सरकार व अधिकारियों पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। सभी साधु-संत श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के साथ हैं और महेश गिरि के सनातन धर्म को कमजोर करने के किसी भी षडयंत्र को सफल नहीं होने देंगे। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्षए श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि महेश गिरि पहले खुद ही जूनागढ छोडकर गृहस्थी बन गए और उसके बाद दिल्ली में चुनाव लडकर एमपी बने। अब एक बार फिर से साधु बनकर वे मंदिरों पर कब्जा करने का अभियान चला रहे हैं और इसी के चलते श्रीमहंत हरि महाराज ही नहीं गुजरात सरकार व अधिकारियों पर भी झूठे आरोप लगा रहे हैं।

भावनाथ मंदिर, भूतनाथ मंदिर, कमडल कुंड, अम्माजी मंदिर, दूधेश्वर नाथ मंदिर, छोटा पीर बडा पीर, गुरू चरण पादुका समेत भावनाथ मंदिर परिसर में जितने भी मंदिर हैं, वे सभी जूना अखाडे की परम्परा में आते हैं। रघुनाथ गिरि महाराज भी जूना अखाडा परम्परा के ही थे। उनके बाद धनसुखगिरि महाराज ने स्वयं श्रीमहंत हरि गिरि महाराज से कहा था कि मंदिर जूना अखाडे की संपत्ति है तो जूना अखाडा ही इसे संभाले। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज व गुजरात सरकार ने संयुक्त रूप से श्रीमहंत हरि गिरि महाराज को जूनागढ के भावनाथ मंदिर का महंत घोषित किया है। अतः मंदिर के महंत हरि गिरि महाराज ही हैं और आजीवन रहेंगे। जूना अखाडा, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा, दिल्ली संत महामंडल, आहवान अखाडा, अग्नि अखाडा समेत सभी अखाडों के साधु-संत इस निर्णय व श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के साथ हैं। जूनागढ के भावनाथ मंदिर का बकायदा ऑडिट होता है और आय-व्यव का पूरा विवरण रखा जाता है। अतः महेश गिरि के सभी आरोप अपने आप ही झूठे साबित हो जाते हैं। श्रीहंत हरि गिरि महाराज जबसे से जूना अखाडे से जुडे हैं, तब से ही उसकी सभी शाखाओं का विकास हुआ। काशी, हरिद्वार, वृंदावन समेत सभी स्थानो की शाखाएं आज निरंतर विकास कर रही हैं। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज विकास पुरूष केरूप में देश के मठ-मंदिरों का विकास करा रहे हैं। उनका पूरा जीवन ही सनातन धर्म को मजबूत करने व भारतीय संस्कृति की ध्वजा पूरे विश्व में फहराने के लिए समर्पित है। ऐसे महान संत पर झूठे आरोप लगाने से महेश गिरि की विकृत मानसिकता का अपने आप ही पता चल जाता है। मामले की निष्पक्ष जांच हो तो दूध का दूध व पानी का पानी हो जाएगा पूरे देश को पता चल जाएगा कि महेश गिरि मंदिरों पर कब्जा करने की नीयत से श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, गुजरात सरकार व अधिकारियों पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि गिरनार मंडल जूना अखाडा, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा, दिल्ली संत महामंडल समेत विभिन्न अखाडों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया कि वे सभी श्रीमहंत हरि गिरि महाराज के साथ हैं और महेश गिरि के किसी भी षडयंत्र को सफल नहीं होने देंगे। डासना के शिवशक्ति पीठ मंदिर के महंत व दिल्ली संत महामंडल के उपाध्यक्ष महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि महाराज, दिल्ली संत महामंडल के संगठन मंत्री महामंडलेश्वर कंचन गिरि महाराज, कोषाध्यक्ष महंत धीरेंद्र पुरी महाराज,यति रामस्वरूपानंद,यति अभयानंद, उदिता त्यागी आदि भी मौजूद रहे।

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