कक्षाओं में होगा कला समन्वयित शिक्षण का भी स्थान व प्रयोग आधारित शिक्षा को अपनाने की होगी पहल
नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में पाठ्यक्रम और शैक्षणिक सुधार करते हुए कक्षाओ में कला समन्वयित शिक्षण भी शामिल किया जायेगा तथा साथ ही प्रयोग आाधारित शिक्षा को अपनाने की पहल की जाएगी।
सभी चरणो में कहानी-आधारित शिक्षण शास्त्र, आदि सहित प्रयोग आधारित शिक्षण को अपनाया जायेगा व कक्षा प्रक्रियाओ में योग्यता आधारित लर्निंग व शिक्षा दिशा में पहल किए जाए और मूल्यांकन उपकरण को सीखने के परिणामों, क्षमताओं और सोच के साथ जोड़ा जायेगा।
कक्षा में कला समन्वित शिक्षण को कक्षा प्रक्रियाओ में स्थान दिया जायेगा और भारतीय कला और संस्कृति केशिक्षध को आत्मसात किया जायेगा। कक्षा लर्निंग के दौरान खेल समन्वय किया जायेगा, जिससे छात्रो की फिटनेस को एक आजीवन दृष्टिकोण के रूव में फिटनेस को अपनाने की पहल हो सके।
पाठ्यक्रम में आधुनिक भारत और भविष्य की आंकाक्षाओ और चुनौतियो के प्रति प्राचीन भारत का ज्ञान और उसका योगदान शामिल होगा। स्कूली पाठ्यक्रम में जहां भी हो, उसे सटीक और वैज्ञानिक तरीके से शामिल किया जाए।
भारतीय ज्ञान प्रणाली को जनजातीय ज्ञान और सीखने के पारंपरिक तरीको सहित कवर किया जायेगा। जनजातीय नृवंश-औषधीय पद्धतियों, वन प्रबंधन, पारंपरिक फसल की खेती, प्राकृतिक खेती आदि में विशिष्ट पाठ्यक्रम उपलब्ध कराये जायेंगे। विज्ञान और अन्य क्षेत्रो मे प्राचीन और आधुनिक भारत के प्रेरणादायक व्यक्तियों पर वीडियो वृतचित्र दिखाए जायेगे।
बच्चो को धोखाधड़ी, गंदगी फैलाना, समानता, सहानुभुति आदि के विषयो के साथ जीवन के संचालन में नैतिकता/नैतिक मूल्यो को अपनाने में सक्षम बनाया जायेगा। भारतीय संविधान के कुछ अंशो को पढना आवश्यक माना जायेगा।
मानसिक स्वास्थ्य, आपदा प्रतिक्रिया आदि में बुनियादी प्रशिक्षण और शराब, तंबाकू और अन्य मादक पदार्थों के हानिकारक प्रभावो की वैज्ञानिक व्याख्या को भी शामिल किया जायेगा।