- पत्नियों- बेटों के साथ भाजपा में नये परिवारवाद का हुआ उदय
- किसी मंडल में तो अध्यक्ष पति और पत्नी बन गई पदाधिकारी
- पदाधिकारियों के बेटों समेत अन्य परिवार के लोगों को भी नहीं किया गया निराश

अशोक ओझा
गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी परिवारवाद के हमेशा खिलाफ रही है। पार्टी में यदि किसी के पुत्र और पुत्री यदि आगे बढ़े भी हैं तो वे अपनी मेहनत के बूते। लेकिन वर्तमान समय में लगता है कि भाजपा में परिवारवाद की नयी खप तैयार हो रही है। महिला कोटे को पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने नेताओं की पत्नियों के सहारे ही पूरा करने का प्रयास किया है। यदि कोई महिला कार्यकर्ता मेहनत करती है तो उसके मुकाबले नेताओं की पत्नियों को उनके ऊपर तरजीह दी गई है। इतना ही नहीं नेताओं के रिश्तेदारों के साथ ही उनके बेटों और रिश्तेदारों को भी संगठन के जिम्मेदारों ने निराश नहीं किया।
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पत्नियां अब चौका बर्तन के साथ ही पार्टी का झंडा भी उठायेगी
भाजपा में तीन दिन गाजियाबाद जिले के मंडलों की कमेटियां घोषित की गई। इन मंडल कमेटियों के गठन के बाद यदि उसकी ठीक से जांच की जाये तो पता चलता है कि भाजपा के जिला उपाध्यक्ष देवेंद्र चौधरी की पत्नी सीमा को मोदीनगर देहात मंडल में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है, वहीं मोदीनगर विधानसभा के ही भोजपुर मंडल में जिला उपाध्यक्ष अमित चौधरी की पत्नी प्रियंका को जिला उपाध्यक्ष के पद नियुक्त किया गया है। इसी मंडल में जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन कृष्णवीर चौधरी ने अपने भतीजे अमन तेवतिया को मंडल अध्यक्ष नियुक्त करवा दिया। हालांकि मोदीनगर शहर मंडल में भाजपा जिला कोषाध्यक्ष नवीन जायसवाल की पत्नी निशा को भी पद से नवाजा गय है। हालांकि निशा पूर्व में नगर पालिका सभासद रह चुकी है।
बेटों को भी जिम्मेदारी से परहेज नहीं
यदि जलालाबाद मंडल को देखा जाये यहां पर जिला महामंत्री जितेंद्र चितौड़ा ने अपने ही पुत्र अनुज को मंत्री बनवा दिया। बड़ी बात यह है कि सूची में जितेंद चितौड़ा का नाम भ्रमित करने के लिए जितेंद्र चौधरी लिखा गया है।
अध्यक्ष पति और पत्नियां मंत्री, उपाध्यक्ष, मंत्री
मंडलों की जो टीम बनाई गई है उसमें जमकर खेला हुआ है। उदाहरण के लिए लोनी विधानसभा के राम विहार मंडल में मंडल अध्यक्ष संतोष मिश्रा ने अपनी पत्नी संगीता मिश्रा को मंत्री बना दिया। इसी मंडल में नरेश वर्मा महामंत्री और उनकी पत्नी अर्चना को मंडल मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है।
जिला मंत्री कैसे बना मंडल अध्यक्ष
बात यहीं समाप्त नहीं होती। खेला का उदाहरण बता दें कि संगम विहार मंडल अध्यक्ष पद पर अश्वनी कुमार की नियुक्ति की गई, जबकि अश्वनी कुमार वर्तमान में जिला मंत्री भी है। बताया जाता है कि उनकी पत्नी महिला मोर्चा में पदाधिकारी है।
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जिलाध्यक्ष ने नहीं की कोई टिप्पणी
इस संबंध में जब भाजपा जिलाध्यक्ष चैनपाल सिंह से बात की गई तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।