- लगातार विवाद और पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के चलते
- लोनी में आयोजित एक सम्मेलन में भी मंच पर ही भिड़ गये थे वर्तमान और पूर्व जिलाध्यक्ष
- पैसे वालों को ही सबकुछ देने की प्रवत्ति के चलते खत्म हो रहा उत्साह
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। क्या भारतीय जनता पार्टी की बैठकों के प्रति कार्यकर्ताओं में उत्साह नहीं बचा है। जी हां, कुछ ऐसी ही स्थिति भाजपा में हो रही है। यदि कोई नजर आते हैं नये और पैसे की चमक वाले कार्यकर्ता। इसको लेकर मोदीनगर शहर मंडल की भाजपा बैठक में चिंता भी जताई गई। ऐसी स्थिति में सदस्यता अभियान भी बूथ कमेटी और पन्ना प्रमुखों की तरह कागजों में होगा?
बता दें कि बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी के अति आत्मविश्वास और पुराने कार्यकर्ताओं के घर बैठने के कारण भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। यह चिंता आज तक भी भाजपा नेतृत्व को परेशान कर रहा है। चाहे केंद्रीय स्तर की बैठक हो, यूपी की बैठक अथवा किसी अन्य राज्य की, हर जगह एक ही चर्चा जोरों पर रहती है कि आखिर लोकसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान क्यों हुआ। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार यह कह रहे हैं कि अति आत्म विश्वास के चलते भाजपा को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके साथ ही यह मुद्दा भी लगातार उठ रहा है कि बूथ, सेक्टर कमेटियां और पन्ना प्रमुख केवल कागजों तक ही सिमट कर रह गये हैं। धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा।
इन दिनों सदस्यता अभियान को लेकर बैठकों का दौर जारी है। जिला- महानगर के बाद अब मंडल स्तर पर बैठकें चल रही है। लेकिन इन बैठकों में पार्टी के पुराने और सक्रिय कार्यकर्ता नदारद नजर आ रहे हैं। मंगलवार को मोदीनगर शहर मंडल की बैठक में कार्यकर्ताओं की कम उपस्थिति के बाद बैठक में ही यह मुद्दा छाया रहा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि आखिरकार क्यों पार्टी से वे लोग दूर हो रहे हैं जो अब तक खून- पसीने से पार्टी को सींचते आये हैं। इस पर एक कार्यकर्ता ने कहा कि जो लोग घर बैठ गये हैं उनसे संपर्क कर पता किया जाये कि आखिर कारण क्या है जो वे दूर हो गये।
इसके साथ ही कहा गया कि क्या उन कार्यकर्ताओं की संगठन और सरकार में सुनवाई नहीं हो रही, क्या वे अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। ऐसा तो आखिर क्यों। इसी दौरान एक कार्यकर्ता ने कहा कि अकेले मोदी जी और योगी जी कुछ नहीं कर पायेंगे यदि कार्यकर्ता ही घर बैठ गये। उनका कहना था कि राष्टÑवाद के लिए सभी को एक बार फिर से खड़ा होना पड़ेगा। यहां पर एक पूर्व जिलाध्यक्ष ने अपनी वेदना भी प्रकट की। हालांकि बैठक में मुख्य अतिथि और वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष स्वदेश जैन ने कहा कि वे स्वयं पुराने कार्यकर्ताओं से बात करेंगे और उन्हें आगे बढ़कर काम करने के लिए प्रेरित करेंगे।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि कार्यकर्ताओं के घर बैठने का मामला पूरे प्रदेश में है। सभी जिलों में केवल नये कार्यकर्ता ही नजर आ रहे हैं। इनमें भी वे लोग है जो प्रमुख पदाधिकारियों के नजदीकी है। यह स्थिति पार्टी नेतृत्व तक पहुंंचनी आवश्यक है। इस समय पार्टी के सत्ता में होने के बाद यह स्थिति है, यदि दुर्भाग्य से पार्टी सत्ता से बाहर हो गई तो फिर क्या होगा इसे समझा जा सकता है।