अथाह ब्यूरो
लखनऊ। सामाजिक न्याय के पुरोधा, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल की जयंती पर रविवार को राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय सहित प्रदेश के सभी जनपदों में सादगी से मनाई गई।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के राज्य मुख्यालय, लखनऊ में डॉ0 राममनोहर लोहिया सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया। उन्होंने बीपी मंडल को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि एक सांसद के रूप में उन्होंने दूसरे पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के रूप में जो रिपोर्ट दी वह 1990 में लागू हुई उसने भारतीय आबादी के एक हिस्से को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के रूप में संगठित किया और इससे भारतीय राजनीति में कम प्रतिनिधित्व वाले और वंचित समूहों से सम्बन्धित नीतियों पर तीखी बहस शुरू हुई।
समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकतार्ओं ने पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिलाने और मण्डल आयोग की सिफारिशें लागू कराने के लिए एक दशक तक संघर्ष किया और जेल यातना भी भोगी।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में आए कार्यकतार्ओं को भी सम्बोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या करने पर आमादा है। मंडल आयोग की सिफारिशों से 52 प्रतिशत आबादी के भविष्य के जो रास्ते खुले, आरक्षण का लाभ मिला, उसे भाजपा खत्म करना चाहती है। भाजपा संविधान के लिए भी खतरा बन गई है। उन्होंने कहा कि समाजवादी समता और सम्पन्नता के संदेश वाहक रहे हैं। समाज में सबको हक और सम्मान मिले इसके लिए जातीय जनगणना बहुत जरूरी है। भाजपा शोषितों, वंचितों को बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के बनाए संविधान से मिलने वाली सुविधाओं को भी नहीं देना चाहती है। पीडीए में पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों सहित महिलाओं और गरीबों के हित भी सुरक्षित हैं। भाजपा इसीलिए पीडीए से डरी हुई है।
इस अवसर पर अवधेश प्रसाद, लाल बिहारी यादव, राजेन्द्र चौधरी, श्याम लाल पाल, आरके वर्मा, पवन पाण्डेय आदि प्रमुख नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।