- ब्राण्ड्स के पास आरआरटीएस स्टेशनों के साथ जुड़ने का मौका
- एनसीआरटीसी ने भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के पांच प्रमुख स्टेशनों के सेमी-नेमिंग /को-ब्रांडिंग राइट्स हासिल करने के लिए आमंत्रित की निविदाएँ
- एक्सक्लूसिव सेमी-नेमिंग/ को-ब्रांडिंग राइट्स के लिए पांच स्टेशनों में दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर साउथ, मोदीनगर नॉर्थ और मेरठ साउथ आरआरटीएस स्टेशन शामिल
- ब्रांडिंग स्टेशन के अंदर (कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म लेवल) और बाहरी हिस्सों (कॉलम और पिलरों) तक की जा सकेगी, जिससे स्टेशनों को एक विशिष्ट ब्रांड की पहचान मिलेगी
अथाह संवाददाा
गाजियाबाद। भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम और नमो भारत ट्रेन के साथ साझेदारी के इस लाभकारी अवसर को प्रदान करते हुए, एनसीआरटीसी ने दिल्ली-गाजिÞयाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के परिचालित खंड के पाँच स्टेशनों के लिए विशेष सेमी-नेमिंग और को-ब्रांडिंग अधिकारों के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं।
इस पहल का उद्देश्य यात्रियों के अनुभव और सुविधा को बढ़ाने के साथ-साथ आरआरटीएस कॉरिडोर की वित्तीय स्थिरता के लिए नॉन-फेयर बॉक्स रेवेन्यू के विकल्प उत्पन्न करना है। इसमें भाग लेकर, ब्रांड्स अपने नाम को आरआरटीएस स्टेशनों के साथ जोड़कर अपनी ब्रांड पहचान को प्रभावी रूप से बढ़ा सकते हैं।
इन अधिकारों को प्राप्त करने वाले ब्रांड्स को स्टेशन के नाम के पहले या बाद में अपने नाम को जोड़ने, स्टेशन की दीवारों, होर्डिंग्स, और प्रवेश/निकास द्वारों पर अपने ब्रांड के रंगों को शामिल करने, और निर्मित व खाली जगहों का उपयोग करने का अवसर मिलेगा। ब्रांडिंग स्टेशन के अंदरूनी हिस्सों जैसे कॉनकोर्स और प्लेटफार्म स्तर पर और बाहरी हिस्सों जैसे स्टेशन के दोनों किनारों पर स्थित कॉलम और पियर तक फैलेगी, जिससे उनके ब्रांड्स सड़क पर और पैदल यात्रियों को भी प्रभावी रूप से दिखाई देंगे।
एनसीआरटीसी, इन व्यापक ब्रांडिंग अवसरों के अलावा, ट्रेन के भीतर आॅडियो अनाउंसमेंट में भी को-ब्रांडेड स्टेशन के नामों को शामिल करेगा, जिससे दैनिक यात्रियों के साथ ब्रांड इंटरैक्शन और बढ़ेगा। स्टेशन के नक्शों पर भी ब्रांड के लोगो को प्रमुखता से दिखाया जाएगा, और बिना भुगतान वाले क्षेत्रों में कैनोपीज आदि के द्वारा अनुभवात्मक मार्केटिंग के लिए स्थापित किया जा सकेगा।
नमो भारत ट्रेनों में अब तक 22 लाख से अधिक यात्री यात्रा कर चुके हैं। आरआरटीएस स्टेशन दिल्ली-मेरठ हाईवे पर रणनीतिक रूप से स्थित हैं और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हैं, जो बाजारों, शिक्षण संस्थानों और रिहायशी इलाकों से घिरे हुए हैं। यह प्रमुख स्थान मार्केटिंग उद्देश्यों के लिए बेहतरीन ब्रांड विजिÞबिलिटी प्रदान करता है। इस पहल के तहत गुलधर आरआरटीएस स्टेशन के लिए सेमी-नेमिंग अधिकार पहले ही हासिल किए जा चुके हैं।
सेमी नेमिंग राइट्स को प्राप्त करने के लिए निविदा दस्तावेज सेंट्रल प्रोक्योरमेंट पोर्टल और आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इस संबंध में एक प्री-बिड बैठक 20 अगस्त को दोपहर तीन बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निर्धारित है।
आरआरटीएस भारत का पहला रेल-आधारित, उच्च गति, उच्च आवृत्ति वाला रीजनल ट्रांजिÞट सिस्टम है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों, प्रमुख शहरों, कस्बों और शहरी केंद्रों को आपस में निर्बाध रूप से जोड़ेगा। यह प्रणाली समाज के सभी वर्गों के लिए तेज और निर्बाध रीजनल ट्रांजिÞट प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
नमो भारत ट्रेनें 180 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति और 160 किमी प्रति घंटे की परिचालन गति के साथ दिल्ली से मेरठ के बीच यात्रा के समय को घटाकर एक तिहाई तक कम कर देगी। 82 किमी लंबा सम्पूर्ण दिल्ली-गाजिÞयाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर जून 2025 की निर्धारित समयसीमा तक पूर्ण रूप से संचालित होने की दिशा में तेजी से तैयार हो रहा है। इसके संचालित होने से यात्री दिल्ली और मेरठ के बीच एक घंटे से भी कम समय में यात्रा कर सकेंगे। वर्तमान में इस कॉरिडोर पर साहिबाबाद से मोदी नगर नॉर्थ तक आठ एलिवेटेड स्टेशनों वाले 34 किमी के खंड में नमो भारत ट्रेन सेवाएँ संचालित हैं।