- केंद्रीय नेतृत्व को नागवार गुजर रहा यूपी के दोनों डिप्टी सीएम का रवैया
- नीति आयोग की बैठक और सीएम कांफ्रेंस में सीएम योगी के दिये प्रजेंटेशन से पीएम और भाजपा खुश
- राष्टÑीय महामंत्री संगठन के समक्ष योगी ने रखी लोकसभा चुनाव में हार की तस्वीर
- अधिकारियों को कसने और जनप्रतिनिधियों संग सीएम योगी की बैठक का भी प्रभावी संदेश
अशोक ओझा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में चल रही उठापठक और कयासों का दौर अब समापन की तरफ चल पड़ा है। दिल्ली दौरे से लौटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मजबूत होकर उभरे हैं। पार्टी ने दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ ही ब्रजेश पाठक को संदेश दे दिया है कि उन्हें अपनी बयानबाजी पर तो अंकुश लगाना ही होगा साथ ही मुख्यमंत्री की बैठकों में भी उपस्थित रहना होगा। इसके साथ ही यह भी साफ हो गया है कि योगी के कामों में रूकावट को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इतना ही नहीं योगी आदित्यनाथ के दिल्ली से लौटने के बाद अब दोनों डिप्टी सीएम के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो गये हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनावों के बाद से उत्तर प्रदेश भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। जिस दिन राष्टÑीय अध्यक्ष जेपी नड्डा यूपी के दौरे पर आये थे उस दिन से तो यह लगने लगा था कि भाजपा संगठन और सरकार में गहरे मतभेद है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तो लंबे समय से सीएम योगी की बैठकों में नहीं जा रहे थे, वहीं दूसरे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी मौर्य की राह पर चल दिये थे। इन सब से अलग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अपने काम में लगे रहे। उन्होंने भाजपा और सहयोगी दलों के जन प्रतिनिधियों की मंडलवार बैठकें कर उनकी समस्याओं की जानकारी लेने के साथ ही लोकसभा चुनाव की समीक्षा में व्यस्त रहे।
योगी को जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक में जो फीडबैक मिला उसके बाद उन्होंने प्रदेश की अफसरशाही की नकेल कसनी शुरू कर दी। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की नीति को लागू करते हुए भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही भी शुरू कर दी। इसका प्रदेश की जनता पर असर भी देखने को मिला। इसके साथ ही उन्होंने विकास योजनाओं के प्रस्ताव भी विधायकों से लिये।
इसी आधार पर योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली की बैठकों में अपनी योजनाओं की जोरदार प्रस्तुति की जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुश नजर आये। दूसरी तरफ लोकसभा चुनावों की समीक्षा रिपोर्ट भी उन्होंने राष्टÑीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के साथ ही भाजपा नेतृत्व एवं प्रधानमंत्री के समक्ष रख दी। सूत्र बताते हैं कि योगी ने उप चुनावों की तैयारियों की अब तक की रिपोर्ट सौंपने के साथ ही यह भी बताया कि चुनाव जीतने के लिए उनका रोड मैप क्या होगा।
सूत्रों कीर मानें तो इसके बाद ही केंद्रीय नेतृत्व एवं प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कंधे पर हाथ रख दिया है तथा उन्हें अपनी इच्छानुसार काम करने के लिए पूरी स्वतंत्रता प्रदान की है। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में दोनों डिप्टी सीएम भी थे, उन्हें भी केंद्रीय नेतृत्व ने संकेत दे दिया है कि बगैर योगी के यूपी में भाजपा नहीं चलेगी। उन्हें यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि भविष्य में ऐसी शिकायत न आये कि वे योगी के खिलाफ कोई टिप्पणी कर रहे हैं अथवा उनकी बैठकों में नहीं जा रहे। उन्हें बता दिया कि इससे जनता में पार्टी और सरकार की छवि खराब हो रही है।
भाजपा के सूत्र बताते हैं कि यह भी संभव है कि यूपी के दोनों डिप्टी सीएम को बदल दिया जाये और उनके स्थान पर नये चेहरों को स्थान दिया जाये। नये चेहरों की तलाश भी शुरू कर दी गई है। यह दोनों डिप्टी सीएम के लिए झटका माना जा रहा है। इसके साथ ही विधायकों को भी स्पष्ट संदेश दिया गया है कि सरकार और संगठन विरोधी स्वर अब बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे। इससे यह तय है कि योगी आदित्यनाथ दिल्ली से और मजबूत होकर उभरे हैं।