Dainik Athah

आरआरटीएस स्टेशनो से गाजियाबाद सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज की बसें

  • लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए नमो भारत के यात्रियों को मिलेगी
  • यात्री आरआरटीएस कनैक्ट मोबाइल ऐप पर इलेक्ट्रिक बसों का विवरण और टाइम टेबल देख सकेंगे

थाह संवाददाता
गाजियाबाद।
एनसीआरटीसी ने नमो भारत के यात्रियों की लास्ट माइल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए गाजियाबाद सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज के साथ मिलकर गाजियाबाद के सभी आरआरटीएस स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक बस सेवा उपलब्ध कराई है। इसके लिए आरआरटीएस स्टेशनों के प्रवेश-निकास द्वारों के पास ही इन इलैक्ट्रिक बसों के लिए बस स्टॉप निर्धारित किए गए हैं।
आरआरटीएस स्टेशनों के पास निर्धारित स्टॉप पर ये बस सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिसकी मदद से यात्री बसों और नमो भारत ट्रेनों के बीच आसानी से आवागमन कर सकेंगे। अभी ये सुविधा गाजियाबाद के सात अलग-अलग मार्गों के लिए उपलब्ध होंगी, जिसके लिए इन रूट्स पर लगभग 50 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें संचालित की जा रही हैं।
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए यात्री ‘आरआरटीएस कनेक्ट मोबाइल ऐप’ और आधिकारिक आरआरटीएस वेबसाइट (११३२.ूङ्म.्रल्ल) के माध्यम से इन इलेक्ट्रिक बसों के रूट्स और टाइम टेबल की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। अभी वर्तमान मे साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई स्टेशनो को इन इलैक्ट्रिक बस के रूटों के साथ एकीकृत किया गया है। इसके साथ ही मुरादनगर, मोदीनगर साउथ और मोदीनगर नॉर्थ स्टेशनों को भी इन सिटी बसों से जोड़ने के लिए बातचीत प्रगति पर है।
इन बसों के उपयोग से मंडोला, लोनी, दादरी और मसूरी आदि क्षेत्रों के निवासी अपने निकटतम आरआरटीएस स्टेशन तक पहुंचकर दिल्ली और मेरठ जैसे प्रमुख शहरी केंद्रों तक अधिक सुविधाजनक तरीके से पहुंच सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, एनसीआरटीसी ने यात्रियों की लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने की दिशा में अपने निरंतर प्रयासों के अनुरूप साहिबाबाद और गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशनों पर आॅटो-रिक्शा, 2-व्हीलर बाइक टैक्सी के साथ-साथ 4-व्हीलर कैब आदि कैब सेवाएं प्रदान करने के लिए रैपिडो के साथ करार किया है।
एनसीआरटीसी लास्ट माइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए आरआरटीएस स्टेशनों के पार्किंग क्षेत्रों में फास्ट ईवी (ईवी) चार्जर भी लगा रहा है। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों और नमो भारत ट्रेनों दोनों का उपयोग बढ़ेगा, साथ ही सार्वजनिक परिवहन साधनों का एक सतत और पर्यावरण के अनुकूल केंद्र भी बनेगा। साहिबाबाद, गाजियाबाद और गुलधर स्टेशनों के आसपास 17 बस मार्गों की पहचान भी की गयी है जिसका संचालन राज्य प्राधिकरण या निजी बस आॅपरेटरों द्वारा किया जा सकता है। इन मार्गों को यूपी राज्य परिवहन प्राधिकरण द्वारा भी अधिसूचित किया गया है। एक बार संचालित होने के बाद ये बस मार्ग गाजियाबाद के स्थानीय निवासियों के लिए आवागमन को और आसान बना देंगे।
इसके साथ ही दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के सभी 25 स्टेशनों के साथ एकीकरण के लिए अन्य कैब एग्रीगेटर्स और बस आॅपरेटरों से भी रुचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित की जा रही है जो आरआरटीएस स्टेशनों के साथ शहरी नोड्स की कनेक्टिविटी को और बढ़ाएगा, जिससे एक परिवहन केंद्र तैयार होगा।
एनसीआरटीसी का लक्ष्य बस स्टैंड, हवाई अड्डे, मेट्रो स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों को आरआरटीएस स्टेशनों के साथ एकीकृत करके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में नेटवर्कों का एक सुसंगत और परेशानी मुक्त नेटवर्क प्रदान करना है। आरआरटीएस स्टेशनों को रणनीतिक रूप से इस तरह से डिजाइन किया गया है ताकि यात्री स्टेशन से बाहर निकले बिना ही परिवहन के एक साधन से दूसरे साधन तक आसानी से पहुँचने सकें। खासतौर पर महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों, दिव्यांगों और भारी सामान वाले यात्रियों के लिए आसान आवागमन सुनिश्चित करने के लिए आरआरटीएस स्टेशनों पर लिफ्ट, एस्केलेटर और फुट-ओवर ब्रिज भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
वर्तमान में दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के साहिबाबाद और मोदीनगर नॉर्थ के बीच 34 किलोमीटर का खंड यात्रियों के लिए संचालित है, जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो, मुरादनगर, मोदीनगर साउथ और मोदीनगर नॉर्थ कुल आठ स्टेशन शामिल हैं। दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के शेष हिस्सों पर निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है। दिल्ली से मेरठ तक 82 किमी लंबे आरआरटीएस कॉरिडोर पर जून, 2025 की निर्धारित समयसीमा तक ट्रेनों का संचालन आरंभ करने का लक्ष्य है।


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