- सुरक्षा में कटौती का मुद्दा विधायक और पुलिस आये आमने- सामने
- नंद किशोर गुर्जर ने अपर मुख्य सचिव गृह के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष को भेजा पत्र
- पुलिस ने बयान जारी कर कहा था विधायक की सुरक्षा के लिए दो पुलिस कर्मी लाइन से भेजे जाते हैं
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले गाजियाबाद में विधायकों की सुरक्षा में कटौती किये जाने का मुद्दा चुनाव समाप्त होने के साथ ही फिर से गर्माने लगा है। मामला अब आगे बढ़ चुका है कि विधायक नंद किशोर गुर्जर ने प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह को पत्र लिखकर गाजियाबाद पुलिस की शिकायत करने के साथ ही पूछा है कि क्या वे प्रदेश को छोड़कर किसी अन्य प्रदेश में शरण लें।
बता दें कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले गाजियाबाद में विधायक नंद किशोर गुर्जर, अजीत पाल त्यागी समेत अन्य की सुरक्षा में कटौती की गई थी। इसके साथ ही खोड़ा नगर पालिका की पूर्व चेयरमैन रीना भाटी की सुरक्षा समाप्त कर दी गई थी। यह मुद्दा गाजियाबाद आये प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के समक्ष भी उठा था। लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए विधायकों ने चुप्पी साध ली। अब जैसे ही चुनाव समाप्त हुए विधायक नंद किशोर गुर्जर ने बयान दिया था कि उनके समेत जिले के अन्य विधायकों के सुरक्षाकर्मी हटा दिये गये। उन्होंने पुलिस पर सीधे सीधे कई अन्य आरोप लगाये।
विधायक के आरोपों के जवाब में शुक्रवार को पुलिस उपायुक्त लाइन्स ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि सोशल मीडिया एवं एक चैनल के वीडियो के माध्यम से संज्ञान में आया है कि विधायक लोनी द्वारा यह कहा गया है कि उनके सुरक्षाकर्मी हटा दिये गये हैं और वर्तमान में उनके पास कोई गनर नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विधायक लोनी को शासन द्वारा दो सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराने का आदेश यथावत है जिसके अनुपालन में पूर्व से ही दो सुरक्षाकर्मी पुलिस लाइन से उनके आवास पर ड्यूटी हेतु उपस्थित रहते हैं। इस प्रकार विधायक के बयान को गलत ठहराया गया।
पुलिस के प्रेस नोट के बाद विधायक नंद किशोर गुर्जर ने प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह को पत्र लिखकर कहा है कि मेरे आवास पर पुलिसकर्मियों को यह कह कर भेजा जाता था कि आप वहां पहुंचकर लोकेशन के साथ अपनी फोटो पुलिस लाइन में जमा कराते हुए लिखकर दें कि हमें अपनी सुरक्षा में रखने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन यहीं प्रक्रिया पूरे चुनाव के दौरान अपनाई गई जिससे मैं चुनाव प्रचार से दूर रहूं और लोनी जैसे संवेदनशील विधानसभा में भाजपा हार जाये और इस दौरान मेरी हत्या भी कराई जा सके। इसी प्रकार का षड़यंत्र मुरादनगर विधायक के साथ भी रचा गया।
गुर्जर ने कहा कि जिले की बयान बहादुर पुलिस की ही मान लेते हैं तो मेरे घर से पुलिस की दूरी घंटे भर से अधिक की है। इस दौरान मेरे पास कोई सुरक्षा नहीं रही। उन्होंने आरोप लगाया कि साजिशन खानापूर्ति के लिए पुलिस द्वारा यह प्रक्रिया अपनाई गई, लेकिन ये अपनी साजिश में सफल नहीं हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर अपमानित करने के उद्देश्य से यह बयान दिया है, क्योंकि मैंने आपसे कभी सुरक्षा नहीं मांगी। लेकिन पुलिस आयुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश एवं अपर मुख्य सचिव गृह के कहने पर आपकी सुरक्षा हटाई गई है। आप सीएम से मिल लो तो आपको सुरक्षा मिल जायेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस आयुक्त ने हत्या, अपहरण, रंगदारी जैसे मामलों में नामजद अपराधियों को सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई है, जो उनके विवेक से उपलब्ध कराई गई।
नंद किशोर गुर्जर ने पत्र में पूछा है कि जिले में ऐसी ध्वस्त कानून व्यवस्था और बयान बहादुर अधिकारियों के बीच असुरक्षित माहौल में मैं यहां रहूं या फिर किसी अन्य राज्य में शरण लूं। इस संबंध में मार्ग दर्शन करें।
विधायक पुलिस के बयान को अपना अपमान बता रहे हैं। जिस प्रकार विधायक ने खुलकर पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोला है उसे देखते हुए यह लगता है कि मामला अब और अधिक तूल पकड़ेगा।